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हिमाचल में esanjeevani ओपीडी परामर्श सुविधा शुरू, यह होगा फायदा
शिमला। हिमाचल में esanjeevani ओपीडी परामर्श सुविधा शुरू हो गई है। कोविड-19 संक्रमण के निवाक उपायों के रूप में जहां सभी नागरिकों को घर पर रहने के लिए कहा जा रहा है, वहीं बीमार लोग अस्पताल आने में असहज महसूस कर रहे हैं, उनकी इस समस्या के मध्यनजर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने esanjeevani ओपीडी के रूप में अनूठी पहल कर लोगों को सामान्य स्वास्थ्य परामर्श देने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के सोलह डॉक्टर सभी कार्य दिवस पर प्रातः साढ़े नौ बजे से सांय चार बजे तक निशुल्क स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
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उन्होंने बताया कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप या टेबलेट के साथ वेब कैमरा, माइक, स्पीकर और इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होगी और शीघ्र ही यह सुविधा मोबाइल फोन पर उपलब करवा दी जाएगी। esanjeevaniopd.in पर रोगी को पंजीकृत करने के बाद एक टोकन नंबर मिलेगा, जिससे login करने के बाद डाक्टरी परामर्थ की प्रक्रिया आरंभ होगी। यदि आपके परामर्शदाता डॉक्टर को विशेषज्ञीय सलाह की आवश्यकता महसूस होती है तो टेली परामर्थ सुविधा का भी प्रयोग किया जा सकता है अन्यथा आपकी समस्या या बीमारी का निदान त्वरित गति से मौक पर ही जो जाएगा।
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आज कोरोना वायरस को लेकर 370 सैंपल लिए गए हैं। इसमें अब तक 74 नेगेटिव रहे हैं। 296 की रिपोर्ट का इंतजार है। प्रदेश में इस समय तक 2902 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 39 व्यक्तियों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है व 2567 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अभी तक प्रदेश में 7576 लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत निगरानी में रखा गया था, जिसमें से 5308 लोग 28 दिन का निगरानी पीरियड पूरा कर चुके हैं। 2268 लोग अभी भी निगरानी में हैं। उन्होंने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग (Active Case Finding) अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने लगभग 70 लाख लोगों के घरद्वार जाकर कोविड 19 के प्रति मौखिक जांच की है। इस जांच में 10 हजार के करीब ILI के केसिस निकलकर आएं हैं, जिनमें से 700 के करीब लोगों के सैंपल की जांच भी की जा चुकी है। विभिन्न श्रेणियों के लोगों का इलाज भी किया जा रहा है। उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है। इस अभियान में लगभग 16700 कर्मचारियों ने भाग लिया।