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Lockdown में Odisha नहीं जा सकता था घरेलू सहायिका का शव, गंभीर ने किया अंतिम संस्कार
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने कोरोना लॉकडाउन के बीस अपनी दरियादिली का परिचय दिया है। दरअसल घरेलू सहायिका सरस्वती की मौत होने पर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने उसका अंतिम संस्कार (Funeral) किया। गंभीर बोले, ‘मेरे बच्चों की देखभाल करने वाली महिला घरेलू सहायिका नहीं हो सकती। वह परिवार की सदस्य थीं।’ सरस्वती के भाई के अनुसार, लॉकडाउन में शव ओडिशा नहीं आ सकता था इसलिए उन्होंने गंभीर से अंतिम संस्कार करने को कहा।
Taking care of my little one can never be domestic help. She was family. Performing her last rites was my duty. Always believed in dignity irrespective of caste, creed, religion or social status. Only way to create a better society. That’s my idea of India! Om Shanti pic.twitter.com/ZRVCO6jJMd
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 23, 2020
भारत के लिये 2004 से 2016 के बीच टेस्ट खेल चुके गंभीर ने कहा, ‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि व्यक्ति किसी भी जाति, धर्म, वर्ग, सामाजिक दर्जे का हो, सम्मान का हकदार है। इसी से हम बेहतर समाज और देश बना सकते हैं। ओम शांति।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओडिशा की 49 वर्षीय पात्रा जाजपुर जिले की थी। वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से जूझ रही थी और उन्हें कुछ दिन पहले ही गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने 21 अप्रैल को दम तोड़ा। केंद्रीय पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धमेंद्र प्रधान ने गंभीर की तारीफ की। ओडिशा के रहने वाले प्रधान ने कहा कि गंभीर के इस नेक काम से उन लाखों गरीबों के मन में इंसानियत पर विश्वास गहरा हो जायेगा जो आजीविका कमाने के लिये घर से दूर रहते हैं।