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कोलकाता से नौकरी छोड़ मणिपुर लौटीं 185 Nurse; बताया- हमारे साथ भेदभाव हुआ, हम पर थूका गया
नई दिल्ली। पूरे भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच देश के स्वास्थ्य कर्मी अपने जान की बाजी लगाकर लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। एक अदृश्य वायरस के खिलाफ चल रही इस जंग में फ्रंट लाइन पर काम करने के बावजूद इन कर्मियों के साथ देश के अलग-अलग इलाकों से दुर्व्यवहार किए जाने की ढेरों ख़बरें सामने आने के बाद केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए महामारी कानून में बड़ा बदलाव करते हुए नए नियम बनाए गए। जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा देने का प्रावधान तय किया गया, लेकिन इसके बावजूद भी इन कोरोना वारियर्स के साथ हो रहे दुर्वयवहार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) से सामने आया है।
कई बार लोगों ने हम पर थूका, पीपीई किट की कमी थी
रिपोर्ट्स के अनुसार मणिपुर (Manipur) की 185 नर्स नौकरी छोड़कर कोलकाता से वापस अपने राज्य लौट गई हैं। इन नर्सों में से एक क्रिस्टेला ने कहा, ‘अपने कर्तव्य को छोड़कर हम खुश नहीं हैं, लेकिन हमें भेदभाव और जातिवाद का सामना करना पड़ा।’ उन्होंने कहा, ‘कई बार लोगों ने हम पर थूका, पीपीई किट की कमी थी और हम कहीं जाते थे, तो लोग सवाल करते थे।’ नर्सों के नौकरी छोड़ने से कोलकाता में मुश्किल खड़ी हो गई है।
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ये सभी नर्सें कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में लगी हुई थीं, लेकिन अब इनमें से 185 नर्सों ने नौकरी छोड़ दी है। नर्सें अपने साथ भेदभाव होने से नाराज हैं। नर्सों का कहना है कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रही हैं। ऐसे में उन्हें पूरी सुरक्षा चाहिए। नर्स क्रिस्टेलिया कहती हैं कि नौकरी छोड़ कर हम खुश नहीं हैं। हमें वहां होना चाहिए था, लेकिन मांग के बाद भी हमारी परेशानियों को दूर नहीं किया गया। इससे परेशान होकर हमने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। हम इम्फाल वापस आ गए हैं।