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Coronavirus का पीक पर आना अभी बाकी, कम्युनिटी ट्रांसफर का भी खतरा
Last Updated on June 7, 2020 by
नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन अब धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संक्रमण के फैलाव पर चिंता जताई है। डॉक्टर गुलेरिया का दावा है कि कोरोना वायरस का पीक (Peak) पर आना अभी बाकी है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं। कम्युनिटी ट्रांसफर पर एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि दिल्ली-मुंबई हॉटस्पॉट हैं, वहां हम कह सकते हैं कि लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है। पूरे देश में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है। 10 से 12 ऐसे शहर हैं, जहां पर लोकल ट्रांसमिशन के चांसेज हैं। 70 से 80 केस AIIMS में ऐसे ही आ रहे हैं।
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लॉकडाउन से हुआ फायदा, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कहीं ना कहीं फायदा हुआ है। केस एकदम से कम होने लगे। गरीबों की मदद के लिए लॉकडाउन (Lockdown) खोलना अनिवार्य हो गया था। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन खुल रहा है तो हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी होगा। कोरोना मरीजों के लिए बेड और वेंटिलेटर्स की कमी पर उन्होंने कहा कि बेड और वेंटिलेटर्स का ख्याल रखते हुए हमें प्लानिंग चेंज करनी होगी। जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें घर पर रहना चाहिए, उन्हें एडमिट नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि माइल्ड पेशेंट्स खुद ही ठीक हो जाते हैं। उन्हें ज्यादा ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है।
भारत में मृत्युदर बहुत कम, अपनी जिम्मेदारी समझें लोग
स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, वे नॉन कोविड-19 एरिया से आते हैं। इससे साबित हो रहा है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं, वे इन्फेक्शन लेकर अस्पताल में आ रहे हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि जो लोग यात्रा कर रहे हैं वे अपनी जिम्मेदारी समझें। भारत में मृत्युदर बहुत कम है। हम दूसरे देशों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं क्योंकि यूरोप के कई देशों को मिलाकर हमारी संख्या है। केस बढ़ेंगे तो लोगों की जान बचाना हमारे लिए ज्यादा जरूरी है।