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लावारिस पशुओं का “बेस्ट फ्रेंड” है आर्यन
Last Updated on June 8, 2020 by Sintu Kumar
सुंदरनगर। आज हम आपको एक ऐसे नन्हें से बालक से मिलवाने जा रहे हैं जो अपने लिए कम और लावारिस पशुओं के लिए ज्यादा सोचता है। लावारिस पशुओं से इस नन्हें से बालक की दोस्ती कुछ ऐसी हो गई है कि अब लावारिस पशुओं ने इसके घर आना शुरू कर दिया है। आप भी देखिए एक नन्हें से बालक की लावारिस पशुओं के साथ फ्रेंडशिप की यह कहानी। मतलबपरस्त इंसानों द्वारा छोड़े गए लावारिस पशुओं का सहारा बन रहा है सुंदरनगर शहर का 12 वर्षीय नन्हा आर्यन ठाकुर। सुंदरनगर (Sundernagar in Himachal Pradesh) शहर में एमएलएसएम कालेज के पास रहने वाला आर्यन ठाकुर लावारिस पशुओं के साथ दोस्ती करने में माहिर हो गया है। आर्यन के पिता राजेश ठाकुर भी लावारिस पशुओं के साथ काफी लगाव रखते हैं और आर्यन को यह सीख अपने पिता से ही मिली है। लॉकडाउन की स्थिति में जब लावारिस पशुओं के सामने खाने का संकट मंडराने लगा तो आर्यन ने इनकी और ज्यादा मदद करने की सोची और मदद की भी। आर्यन न तेज धूप देखता है और न ही बारिश। रोजाना अपनी साइकिल निकालकर अपने घर के आसपास वाले सभी लावारिस पशुओं के लिए खाद्य सामग्री के साथ मिलने पहुंच जाता है। चाहे गाय हो, बैल हो, कुत्ता हो, बंदर हो या अन्य कोई जानवर हो। आर्यन सभी को एक समान नजर से देखता है और जितना संभव हो सके उनके लिए खाने का इंतजाम करता है। यहां तक की आर्यन ने अपनी सारी पॉकेट मनी भी इसी काम पर खर्च कर दी है। अब नतीजा यह हो गया है कि आर्यन के घर लावारिस पशुओं ने खुद ही आना शुरू कर दिया है। आर्यन बताता है कि उसने इन सभी से दोस्ती कर ली है और उसी के नाते यह उसके घर पर आते हैं। जब तक कुछ खाने को न दूं तब तक जाते भी नहीं। आर्यन बताता है कि पशु खाने से ज्यादा प्यार के भूखे होते हैं और वह उन्हें अपनी तरफ से पूरा प्यार देने की कोशिश करता है।