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गलवां हिंसक झड़प पर बोले Manmohan Singh – पूरे राष्ट्र को एकजुट होकर देना चाहिए जवाब
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने भी चुप्पी तोड़ी है। मनमोहन सिंह ने पूरे राष्ट्र को एकजुट और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देने की बात कही है। पूर्व पीएम ने कहा, ‘हम पीएम और सरकार का आह्वान करते हैं कि वे इस मौके पर साथ आएं और कर्नल संतोष बाबू और हमारे शहीद जवानों के लिए न्याय सुनिश्चित करें जिन्होंने हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इससे कुछ भी कम करना लोगों के विश्वास के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।’ डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट और संगठित (United and organized) होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञ हैं लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
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भ्रामक प्रचार कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अपने बयानों से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम को अपने शब्दों और घोषणाओं द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए। उन्होंने सरकार से कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। डॉक्टर सिंह ने कहा, ‘आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के फैसले और कदम इस बात को तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व पीएम का है। पीएम को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं समारिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए। चीन ने अप्रैल से लेकर अब तक लद्दाख की गलवां घाटी और पेंगोंग त्सो झील क्षेत्र में कई बार जबरन घुसपैठ की है।’