-
Advertisement
हिमाचल में पहली जुलाई से नहीं चलेंगी Private Buses, कारण जानने के लिए करें क्लिक
शिमला। कोविड-19 की मार झेल रहे निजी बस ऑपरेटरों ने पहली जुलाई से अपनी बसें खड़ी करने की बात कह दी है। हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ की वीडियो कॉन्फ्रेंस (Video conference) के माध्यम से बैठक में आज ये निर्णय लिया गया है कि 30 जून तक अगर सरकार निजी बस ऑपरेटरों को राहत नहीं देती है तो पहली जुलाई से हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें खड़ी करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। ऑपरेटरों ने कहा है कि यह सरकार को धमकी नहीं है ना ही सरकार के विरोध के लिए करेंगे लेकिन प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर (Private bus operator) की हालत यह हो गई है कि वह बस चलाने में सक्षम नहीं है ऐसे में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि जो कुछ लोग बसें चला भी रहे हैं उन बसों को भी पहली जुलाई के बाद खड़ा कर दिया जाएगा। हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रधान राजेश पराशर का कहना है कि यह निर्णय निजी बस ऑपरेटर ने मजबूरी में लिया है तथा यह तय है कि प्रदेश की निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल भी गाड़ी चलाने में सक्षम नहीं है। जो लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस में नहीं जुड़ सके उन्होंने फ़ोन के माध्यम से ही बसें (Buses) खड़ी करने की सहमति जताई जिसमे कांगड़ा से हैप्पी अवस्थी तथा ऊना से पवन ठाकुर शामिल है।
ये भी पढे़ं – हिमाचल में सितंबर तक नहीं लगेगा Green Cess-Fitness Fee, लेकिन Vehicle Registration शुल्क हुआ महंगा
कैबिनेट के निर्णयों से ऑपरेटर असहमत
बैठक में निर्णय लिया कि जो निर्णय हिमाचल कैबिनेट (Himachal Cabinet) में पारित किए गए हैं उससे निजी बस ऑपरेटर सहमत नहीं है तथा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरो को उम्मीद थी कि 25 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में निजी बस ऑपरेटरों के हित में सरकार द्वारा कोई ना कोई निर्णय लिया जा सकता है लेकिन सरकार ने ना जाने किस कारण निजी बसों की समस्याओं पर गौर नहीं किया जिससे निजी बस ऑपरेटर और परेशान हो गया है। सरकार ने बिना किसी मापदंड से प्रदेश में बसें चलाने का निर्णय लिया है जबकि ग्राउंड में वास्तविकता कुछ और ही है।
सरकार के पल्ला झाड़ने से परेशान
सरकार ने सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक बसें चलाने का आदेश दिए हैं जबकि लंबे रूट की अधिकतर बसों की समय सारणी 7 बजे से पहले भी है इस कारण निजी बस ऑपरेटर को अपनी बसें चलाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने हैरानी जताई कि सरकार ने बसों में तो 100 फीसदी क्षमता की घोषणा कर ली है जबकि शादी-ब्याह में 50 लोगों से ज़्यादा संख्या नहीं जुट सकती, सरकार ने इस निर्णय से अपना पल्ला झाड़ा है। बैठक में जिला सोलन के प्रधान जॉनी मेहता, शिमला के प्रधान जय गोपाल राजटा, रामपुर के प्रधान मनीष शर्मा, सिरमौर के प्रधान मामराज शर्मा, बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल,अनिल कुमार मिंटूए मंडी के प्रधान सुरेश ठाकुर, हंस ठाकुर, कांगड़ा के प्रधान शर्मा रवि दत्त शर्मा, हमीरपुर के विजय ठाकुर,शिमला शहर यूनियन के प्रधान रोशन लाल, अमित चड्ढा, नालागढ़ के मनोज ठाकुर, कुल्लू से नरेश क़रीर, ऊना से संदीप, सुखदेव सहित दो महिलाएं भी शामिल थीं।