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MP: शिवराज के मंत्रिमंडल में ‘सिंधिया का राज’: उमा भारती हो गईं नाराज
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में गुरुवार को मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार (Cabinet expansion) किया गया और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया समेत 20 नेताओं को कैबिनेट मंत्री व 8 नेताओं को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, उषा ठाकुर, विश्वास सारंग व प्रभुराम चौधरी ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थकों को इस मंत्रिमंडल में खास तहरीज दी गई है।
आज हुए मंत्रीमण्डल विस्तार में सिंधिया समर्थक 12 मंत्रियों ने शपथ ली है, जिनमें 7 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इससे पहले सिंधिया गुट के तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत अप्रैल में ही कैबिनेट मंत्री बनाया जा चुका है। वहीं कांग्रेस की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) के दौरान सिंधिया के 6 समर्थकों को मंत्री बनाया गया था, जबकि सूबे के मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सिंधिया गुट को 14 लोगों को मंत्री बनाया है।
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उमा भारती ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को लिखा खत
इस बीच खबर यह भी सामने आई है कि एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती (Uma Bharti) शिवराज कैबिनेट के विस्तार से असंतुष्ट हैं। उन्होंने इस पूरे मामले में आगे आकार कहा है कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया है। इस विषय को लेकर बीजेपी नेता उमा भारती ने पार्टी नेतृत्व को एक पत्र भी लिखा है। गुरुवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ के विशेष अदालत में पेश हुईं उमा भार्त्त ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी का इजहार किया।
सूत्रों द्वारा इस बारे में बताया गया कि भारती ने बीजेपी नेतृत्व को भेजे संदेश में कहा है, मुझे मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल की जो जानकारियां मिल रहीं हैं, जिनके अनुसार प्रस्तावित मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण बिगड़ा हुआ है, जिसका मुझे दुख है। मंत्रिमंडल के गठन में मेरे सुझावों की पूर्णत: अनदेखी करना उन सबका अपमान है जिनसे मै जुड़ी हुई हूँ इसलिये जैसे कि मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात की है उसके अनुसार सूची में संशोधन कीजिए। इस बारे में जब उमा भारती से लखनऊ में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने ना तो इसका खंडन किया और ना पुष्टि।