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हिमाचल के स्कूलों में Morning Prayer सभा एक जैसी हो, शिक्षा बोर्ड कर रहा तैयारी
Last Updated on July 4, 2020 by Vishal Rana
धर्मशाला। कोविड-19 (Covid-19) के इस दौर में हालांकि, सभी शिक्षण संस्थान बंद चल रहे हैं, फिर भी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा (Morning Prayer) व बस्तामुक्त दिवस क्रियाकलाप में एक समानता लाना चाहता है। इसके लिए बोर्ड ने विषय विशेषज्ञों से विस्तृत चर्चा की है। इसी तरह बोर्ड चाहता है कि पाठ्यपुस्तकें अधिक रूचिकर हों, ताकि स्टूडेंटस की उनमें रूची बनी रहे। इसके लिए भी शिक्षाविदों तथा विषय विशेषज्ञों से सुझाव मांगे गए हैं। इस बाबत आज हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) के अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार सोनी ने भारतीय जीवन मूल्य एवं नैतिक शिक्षा, स्वतंत्रता संघर्ष का भारतीय इतिहास, वैदिक गणित, संस्कृत, योग और सुबह की प्रार्थना सभा एवं बस्ता मुक्त दिवस पर क्रियाकलापों में एकरूपता लाने के लिए विषय विशेषज्ञों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल मीटिंग की।
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चर्चा इस बात पर भी हुई कि गणित विषय के प्रति स्टूडेंटस के मन में भय का माहौल बन रहा है। वैदिक गणित के माध्यम से स्टूडेंटस के मन से गणित विषय के प्रति भय को समाप्त कर गणित विषय को रोमांचक एवं आनंददायक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्राचीन ग्रंथों, विज्ञान, सहित्य, गणित आयुर्विज्ञान योग आदि में प्रतिष्ठित हमारी सांस्कृतिक विरासत व मानव इतिहास को समझने के लिए संस्कृत भाषा उपयोगी साधन है। दूसरी से पांचवी कक्षा तक पाठ्यक्रम तैयार करने का दायित्व प्रदेश के प्रसिद शिक्षाविदों एवं विषय विशेषज्ञों को सौंपा गया है, को पूरा करके क्रियान्वित रूप देने का प्रयास जारी है। योगा के महत्व के दृष्टिगत योग विषय का पाठ्यक्रम विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जा रहा है। इन सभी मसलों पर विषय विशेषज्ञों से विस्तृत चर्चा की गई। डॉ सोनी (Dr. Suresh Kumar Soni) ने कहा कि भारतीय जीवन मूल्यों एवं नैतिक शिक्षा की निर्धारित पाठ्यपुस्तकों को और अधिक रूचिकर तथा प्रासंगिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बोर्ड सचिव अक्षय सूद ने शिक्षाविदों तथा विषय विशेषज्ञों से पाठ्यपुस्तकें अधिक रूचिकर (Textbooks more interesting) बनाने के लिए सुझाव मांगे।
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