-
Advertisement
Himachal में अब मंत्री-विधायक नहीं कर पाएंगे शिक्षकों की Transfer, जानिए क्या होगी नई प्रक्रिया
शिमला। हिमाचल में अब शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया बदलने जा रही है। अब शिक्षकों के तबादले मंत्रियों और विधायकों की सिफारिश पर नहीं बल्कि नई तबादला नीति (New transfer policy) के तहत किए जाएंगे। ये तबादले (Transfer) ऑनलाइन होंगे। राज्य सचिवालय में हुई बैठक में सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने इस पर प्रेजेंटेशन दी। बैठक में तबादला नीति के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस नीति को लागू करने से पहले व्यापक स्तर पर शिक्षकों के तबादले होंगे। युक्तीकरण की प्रक्रिया के तहत यह तबादले किए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने प्रदेश में 10 व इससे कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों का रिकॉर्ड तलब किया है। सभी शिक्षा उपनिदेशकों को 15 दिन में रिकॉर्ड भेजने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में कितने शिक्षक तैनात हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा।
यह भी पढ़ें: कोरोना संकट के बीच Himachal में 2196 शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने करवाई Transfer
शैक्षणिक सत्र के बीच में ना तबादले, ना ही सेवानिवृत्ति
तबादला नीति के प्रारूप के तहत शैक्षणिक सत्र (Academic session) के बीच में ना तो शिक्षकों के तबादले होंगे और ना ही सेवानिवृत्ति होगी। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति 31 मार्च को ही होगी। यदि किसी शिक्षक ने अप्रैल या इसके बाद सेवानिवृत्त होना है तो वह अगले साल मार्च में ही रिटायर होगा। उन्हें उस दौरान वेतन तो मिलेगा, लेकिन पदोन्नति नहीं मिल पाएगी। इसे नए सत्र से लागू करने की पूरी तैयारी है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इसका बिल तैयार कर विधानसभा से पास करवाया जाएगा। विभाग ने सॉफ्टवेयर पर डाटा अपलोड करने का काम लगभग पूरा कर दिया है।
पांच साल बाद खुद शिक्षकों के नाम अपडेट कर देगा पोर्टल
पॉलिसी लागू होने के बाद पांच साल बाद खुद पोर्टल शिक्षकों के नाम अपडेट कर देगा। पांच साल पूरे होने के बाद फिर शिक्षा विभाग (Education Department) स्टेशन देखकर शिक्षकों के तबादले करेगा। इसके साथ ही पॉलिसी में यह भी लागू किया गया है कि तीन साल बाद कोई भी शिक्षक अपने नजदीकी किसी स्कूल में जाने के लिए अप्लाई कर सकता है। अहम यह है कि ट्रासंफर पॉलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों का अपनी मर्जी से ट्रांसफर लेना आसान नहीं होगा। अब जो भी शिक्षक ट्रांसफर करवाएगा, उसका स्टेशन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर अपडेट हो जाएगा। प्रारूप के अनुसार शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में शिक्षकों के तबादले पहली से 15 फरवरी के बीच हो सकेंगे। ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में तबादले 22 मार्च से पहली अप्रैल के बीच होंगे। सूत्रों के मुताबिक इन तारीख में कुछ बदलाव हो सकता है। हालांकि तबादलों का समय एक रखने पर भी विचार हो रहा है।
तबादलों के लिए बनाए हैं पांच जोन
तबादलों के लिए पांच जोन बनाए हैं। इसमें ए, बी, सी, डी और ई जोन शामिल हैं। सेवाकाल के दौरान हर जोन में सेवाएं देना अनिवार्य होगा। ए और बी जोन प्रदेश के सुगम क्षेत्र होंगे। सी, डी और ई दुर्गम, अति दुर्गम और जनजातीय क्षेत्र में आएंगे। ए और बी जोन के सुगम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे स्कूल व कॉलेज शिक्षकों को कम से कम पांच साल के बाद बदला जाएगा। सी, डी और ई जोन में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के तीन साल बाद तबादले होंगे। सेवानिवृत्ति को दो साल बचे हैं तो भी शिक्षक ट्रांसफर नहीं होंगे।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group
शिक्षकों के तबादले से पहले सरकार उनकी पसंद के पांच सेंटर भी पूछेगी, जो शिक्षक सेंटर नहीं बताएंगे, उन्हें पूरे प्रदेश में कहीं भी भेजा जा सकेगा। तबादले के लिए ऑनलाइन ही आवेदन मांगे जाएंगे। जेबीटी, क्राफ्ट एंड वोकेशनल, टीजीटी, हेडमास्टर, पीजीटी, प्रधानाचार्य सहित करीब 80 हजार शिक्षक इस प्रस्ताव के दायरे में आएंगे।
राज्य सचिवालय (State secretariat) में हुई बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल भी मौजूद रहे। पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग ने सीएम के समक्ष तबादला नीति की प्रेजेंटेशन दी थी। सीएम ने ही इसे कैबिनेट में रखने से पहले कैबिनेट सदस्यों के समक्ष भी प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए थे, ताकि सभी के सुझाव इस पर आ सकें।