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हिमाचल में Private Buses के थम जाएंगे पहिए
Last Updated on July 12, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल में निजी बसों के पहिए फिर थम जाएंगे। जी हां.. यह हम नहीं कह रहे बल्कि निजी बस ऑपरेटरों ने इसके संकेत दिए हैं। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने बसों का खर्चा पूरा ना होने की बात कर सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। कहा कि बस ऑपेरटर नहीं चाहते किराया वृद्धि से आम जनता पर बोझ डाला जाए, लेकिन आर्थिक नुकसान के चलते ज्यादा दिन सेवाएं नहीं दे सकेंगे।उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटर सरकार पर किराया वृद्धि का कोई दबाव नहीं बना रहे हैं, लेकिन निजी बस ऑपेरटर काफी आर्थिक नुकसान में चल रहे हैं, क्योंकि अभी बसों में लोग बैठ नहीं रहे हैं, जिससे खर्चा निकालना मुश्किल हो गया है। सरकार निजी बस ऑपरेटरों को राहत देकर उनकी परेशानी कम करे और लोगों पर भी कोई बोझ ना पड़े। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में पिछले कुछ अरसे से लगातार वृद्धि हुई है, जिससे बोझ और बढ़ गया है। तीन महीनों में निजी बस ऑपेरटर को काफी नुकसान हुआ है। सामाजिक दायित्व को समझते हुए घाटे में भी बसें चला रहे हैं, ताकि इस संकट की घड़ी में लोगों को परेशान ना होना पड़े, लेकिन ज्यादा समय तक घाटे में बसें नहीं चलाई जा सकती हैं। इसलिए सरकार निजी बस ऑपरेटर को कोई आर्थिक सहायता दे। जिस तरह से कुछ यूनियनों ने एक सॉफ्टवेयर तैयार कर डीजल व दूरी के हिसाब से प्रति किलो मीटर भाड़ा तय किया है, उसी तरह का सॉफ्टवेयर तैयार कर निजी बस में भी किराया तय किया जाए, ताकि तेल की कीमतें बढ़ने पर किराया बढ़े और कम होने पर किराया को कम कर जनता को राहत दी जा सके।