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मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बनाया मिट्टी का बर्तन, स्वचालित चक्की पर आजमाया हाथ
ऊना। जिला के गांव बौल में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के तहत ग्लेज पॉटरी (Glaze Pottery) कार्यशाला आज से शुरू हो गई। इस कार्यशाला का शुभारंभ पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Panchayati Raj Minister Virender Kanwar) ने किया। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी स्वचालित चक्की पर मिट्टी का बर्तन बनाया। कंवर ने कहा कि इस कार्यशाला में ग्लेज पॉटरी का प्रशिक्षण देने के साथ ही उत्पाद को बेचने के लिए जहां पर शोरूम भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें अन्य स्वंयसेवी संस्थाओं द्वारा तैयार अन्य उत्पादों की भी बिक्री होगी। इस कार्यशाला में लोगों को मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे लोग इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आजीविका कमा सकते हैं।
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ग्लेज पॉटरी ग्रामीण विकास विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में एक विशेष परियोजना है, वहीँ इसे मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना से भी जोड़ा गया है। इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं को मिट्टी के ऐसे चमकदार बर्तन बनाना सिखाए जाएंगे, जो महंगे भी होते हैं और बाजार में भी इनकी अच्छी मांग होती है। ग्लेज पॉटरी का प्रशिक्षण तीन माह का होगा तथा प्रशिक्षण प्रदान करने के बाद युवा अपने लिए स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे। ग्लेस पॉटरी परियोजना के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 10 लाख रुपए का बजट (Budget) दिया गया था, जिससे स्वचालित चक्कियां (पॉटर व्हील) तथा बर्तनों को पकाने के लिए इलेक्ट्रिक भट्टी खरीदी गई है। इस परियोजना के शुरूआती दौर में फिलहाल ग्लेज पॉटरी में प्रयोग होने वाली क्ले बाहर से मंगवाई जा रही है लेकिन ऊना में भी इसे स्थानीय स्तर पर तैयार करने का प्रस्ताव है। वहीँ, ग्लेज पॉट्ररी के मास्टर प्रशिक्षक अरुण गुलेरिया ने बताया कि ग्लेज पॉटरी की बाजार में बहुत डिमांड है और इन उत्पादों के प्रति अब लोग काफी आकर्षित हो रहे हैं। गुलेरिया की माने तो इस व्यवसाय को अपनाकर लोग अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सकते हैं।