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इस महीने से घट जाएगी आपकी इन हैंड सैलरी, EPF योगदान में वापस ली जाएगी ये छूट
नई दिल्ली। देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने Atma Nirbhar Bharat package के तहत नौकरीपेशा लोगों के पीएफ को लेकर बड़ा ऐलान किया था। जिसके तहत तीन महीनों के लिए EPF का मंथली कॉन्ट्रिब्यूशन 24 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया था। वहीं, अब यह अवधि समाप्त हो गई है और अगस्त महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस नए महीने में कई नियम बदल चुके हैं। अब फिर से कर्मचारी व नियोक्ता को 12-12 फीसद पीएफ योगदान देना होगा। इस बदलाव की वजह से अगस्त महीने में आपकी टेक होम सैलरी कम आएगी। आइए एक बार इस पूरे मामले को विस्तार से समझें: –
6.5 लाख कंपनियों के कर्मचारियों मिल रहा था फायदा
कोरोना संकट की वजह से सरकार ने पीएफ से जुड़े कुछ नियम बदले थे। इसमें एक नियम पीएफ कंट्रीब्यूशन का था। नए नियम के तहत पीएफ योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया था ताकि कर्मचारियों की टेक होम सैलरी 2 फीसदी तक बढ़ जाए। इसके परिणामस्वरूप करीब 6.5 लाख कंपनियों के कर्मचारियों को हर महीने 2,250 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी का फायदा मिला। नियम के अनुसार, कर्चमारी और नियोक्ता को मिलकर कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 12-12 फीसद अर्थात कुल 24 फीसद राशि हर महीने पीएफ योगदान के रूप में जमा करानी होती है।
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वित्त मंत्री की घोषणा के बाद इस योगदान में तीन महीने तक कुल 4 फीसद की छूट मिली, जिसमें 2 फीसद कर्मचारी के योगदान से और 2 फीसद नियोक्ता के योगदान से है। कोरोना वायरस संक्रमण में जब लॉकडाउन हुआ था तो लोगों को कैश की दिक्कत होने लगी थी। इस तरह की परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया था। सरकार ने EPF कॉन्ट्रिब्यूशन घटाने का फैसला किया ताकि लोगों को सैलरी के तौर पर ज्यादा पैसा मिल सके। वहीं, अब इस महीने से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को पहले की भांति ही ईपीएफ योगदान देना होगा। इस राहत उपाय की घोषणा करते हुए श्रम मंत्रालय ने यह भी कहा था कि अगर कोई चाहे तो वह इन तीन महीनों के दौरान इपीएफ में 10 फीसद से अधिक भी योगदान दे सकता है।