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#RBI : कोरोना काल में राहत नहीं, अभी और ज्यादा बढ़ने वाली है महंगाई
Last Updated on August 26, 2020 by
नई दिल्ली। कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा है। अब बुरी खबर ये है कि आने वाले समय में महंगाई (Inflation) अभी और ज्यादा बढ़ने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of I-ndia) ने ये अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। गौरतलब है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.93 फीसदी पर पहुंच गई थी। मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, मांस और मछली के दाम बढ़ने की वजह से महंगाई बढ़ी है।
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जून महीने में खुदरा महंगाई दर 6.23 फीसदी थी। जून के बाद जुलाई में भी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (#RBI) द्वारा तय सुविधाजनक दायरे से बाहर हो चुके हैं। जुलाई में खाद्य महंगाई यानी कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स बढ़कर 9.62 फीसदी पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक का कहना है कि कोरोना संकट और खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से अगले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी।
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रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 के अंतिम महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति बढ़ी है। इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति (Food inflation) के लिए शॉर्ट टर्म का परिदृश्य अनिश्चित हो गया है। जून 2019 के आंकड़ों को देखें तो पिछले एक साल खुदरा महंगाई दर बढ़कर करीब दुगुनी हो गई है। जून 2019 में खुदरा महंगाई दर 3.18 फीसदी थी, जो जून- 2020 में बढ़कर 6.23 फीसदी हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘खाद्य तथा मैन्युफैक्चर्ड सामान की आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से क्षेत्रीय आधार पर कीमतें दबाव में रह सकती हैं। इससे मेन इंफ्लेशन यानी मुख्य महंगाई के बढ़ने का जोखिम है। वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव का भी मुद्रास्फीति पर असर पड़ेगा।’ रिजर्व बैंक ने कहा कि इन सब कारणों से परिवारों की मुद्रास्फीति को लेकर उम्मीद पर असर पड़ सकता है। खाद्य और ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर परिवार संवेनदनशील होते हैं। ऐसे में मौद्रिक नीति (Monetary policy) में कीमतों में उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखनी होगी। यानी एक तरफ कोरोना की मार दूसरी तरफ महंगाई।