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कोरोनिल’ नामक कीटनाशक होने से पतंजलि को इसके इस्तेमाल से नहीं रोक सकते: Supreme Court
Last Updated on August 27, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पतंजलि योगपीठ की दिव्य योग फार्मेसी की ओर से बनाई गई दवा कोरोनिल (Coronil) पर चल रहे ट्रेडमार्क केस को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इम्युनिटी बूस्टिंग उत्पादों के लिए ‘कोरोनिल’ ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से पतंजलि को रोकने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने कहा, ‘हम ‘कोरोनिल’ के इस्तेमाल से रोक दें, क्योंकि इस नाम का कीटनाशक है। यह उत्पाद के लिए बुरा होगा।’ बता दें कि चेन्नई की कंपनी ने 1993 में ‘कोरोनिल-92 बी’ ट्रेडमार्क रजिस्टर कराने का दावा किया था।
बालकृष्ण ने बताया- असत्य पर सत्य की जीत
मामले की सुनवाई पहले मद्रास हाईकोर्ट में हुई थी। तब कोर्ट की सिंगल बेंच ने पतंजलि पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए इस ट्रेड मार्क के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी। डिवीजन बेंच के पतंजलि को राहत देने वाले आदेश को अरुद्रा इंजीनियरिंग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई से इनकार कर दिया।
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योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने इसे असत्य पर सत्य की जीत बताते हुए कहा कि पतंजलि मानवता की सेवा के लिए निरंतर, निष्पक्ष और निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहा है। जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा और वह उसकी राह में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, समय, न्याय और ईश्वर उन्हें इसका जवाब दे रहा है। गौरतलब है कि पतंजलि ने इसे कोरोना की दवा बताया था।