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भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा Solar Tree, जानिए किसानों को मिलेगा क्या फायदा
Last Updated on September 3, 2020 by
नई दिल्ली। भारत हमेशा सोलर ऊर्जा को अहमियत देता रहा है और इस मामले में भारतीय वैज्ञानिकों का बड़ा सहयोग मिला है। इसी कड़ी में सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भारतीय सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSIR) के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री (Solar tree) बनाया है। इसे पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दुर्गापुर की रेजिडेंसियल कॉम्पलेक्स में लगाया गया है। CSIR-CMERI के डायरेक्टर डॉ. हरीश हीरानंदानी के मुताबिक इस सोलर ट्री से 11.5 किलो वॉट की अधिकतम एनर्जी पैदा होगी। मतलब सालाना स्तर पर एक सोलर ट्री से 12,000 से 14,000 के बीच स्वच्छ ऊर्जा जनरेट होगी। एक सोलर ट्री में अधिकतम 35 सोलर फोटोवोल्टिक पैनल लगाए गए हैं। इसमें से प्रत्येक 330 वॉट पावर की ऊर्जा जनरेट करता है।
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10 से 12 टन कॉर्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन को रोकेगा
सोलर ट्री 10 से 12 टन कॉर्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन को रोकेगा। इस सोलर ट्री की कीमत 7.5 लाख रुपए है। यह सोलर ट्री ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान स्कीम के तहत इसे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस सोलर ट्री को खेती के कामकाज की जरूरतों को देखते हुए कस्टमाइज भी किया जा सकता है। इस सोलर ट्री इंटेलीजेंस ऑफ थिंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, साथ ही सीसीटीवी सर्विलांस को भी लगाया जा सकता है, जिसकी मदद से खेतों की निगरानी की जा सकती है। इसके साथ ही खेती में रियल-टाइम नमी, हवा की स्पीड, बारिश के अनुमान और एनालिटिक सेंसर की मदद से जमीन की ऊवर्रता का पता लगाया जा सकेगा। इंस्टीट्यूट ने सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाला e-Suvidha Kiosks बनाया है, जो सोलर ट्री से कनेक्टेड रहेगा। इससे एग्रीकल्चर के बारे में रियल-टाइम एक्सेस मिलती रहेगी। कोरोना संकट के समय में यह देश के लिए वाकयी बड़ी उपलब्धि है।