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बिजली की बर्बादी पर भड़के DM, एक घंटे तक बिना Fan-AC के कर्मचारियों से करवाया काम
गाजियाबाद। कई लोग बिजली (Electricity) की कीमत नहीं समझते और उसे बेवजह बर्बाद करते हैं, लेकिन कुछ लोग इस मामले में काफी सख्त होते हैं और इस तरह की गलती को बर्दाश्त नहीं करते। गाजियाबाद (Ghaziabad) के कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को बिजली की बर्बादी काफी महंगी पड़ी। जिलाधिकारी (DM) अजय शंकर पांडेय (Ajay Shankar Pandey) ने बिजली की बर्बादी करने के एवज में सबसे घंटे तक बिना बिजली के काम करवाया। सुबह 9.30 बजे कलेक्ट्रेट के अचानक निरीक्षण पर डीएम को पता चला कि अधिकारियों के आने से पहले दो दर्जन से अधिक कार्यालयों में लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर खुले हुए थे। जिला सूचना अधिकारी (डीआईओ) राकेश चौहान ने बताया कि इसे राष्ट्रीय अपव्यय मानते हुए और सरकारी खजाने को हुए नुकसान को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को एक घंटे तक बिजली के बिना काम करने का आदेश दिया। डीएम ने खुद अपने चैंबर की लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर को बंद कर दिया और दरवाजे खोल दिए और अधिकारियों ने भी ऐसा ही किया।
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डीएम ने निर्देश दिए कि कार्यालयों की सफाई के बाद, लाइट, पंखे और एयर कंडीशनर बंद रहेंगे। संबंधित अधिकारी कार्यालयों में उपस्थित रहने और बाहर जाने के समय लाइट, पंखे और एयर-कंडीशनर बंद कर देंगे। इससे पहले, डीएम ने अचानक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (Regional Transport Office) का दौरा किया था, सभी अधिकारियों पर 1,000 रुपए का जुर्माना और परिवहन विभाग के सभी कर्मचारियों पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया था। इससे पहले महीने में उन्होंने बेसिक शिक्षा अभियान पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया था, लिपिक कर्मचारियों पर 100 रुपए का जुर्माना और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारियों पर 50 रुपए का जुर्माना लगाया था। बिजली और पेयजल की बर्बादी के लिए दोनों विभागों पर जुर्माना लगाया गया था।