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राष्ट्रपति ने किया हरसिमरत कौर का इस्तीफा मंजूर, तोमर को सौंपी जिम्मेदारी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद( President Ramnath Kovind) ने मंजूर कर लिया है। तीन कृषि बिलों को लोकसभा 9Lok Sabha) में पारित कराए जाने से नाराज हरसिमरत ने गुरुवार को मंत्रीपद से इस्तीफा दिया था। पीएम की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने हरसिमरत का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। दरअसल, संसद में लाए गए कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल(Shiromani Akali Dal) की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) ने मोदी सरकार से इस्तीफा दिया था अकाली दल कृषि से जुड़े 3 बिलों का विरोध कर रहा है।
किसानों की बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है
हरसिमरत कौर ने गुरुवार को ट्विटर पर इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है।’ लोकसभा में कांग्रेस के अलावा दूसरे विपक्षी दलों ने बिल का विरोध किया है। कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ करार देते हुए गुरुवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे। वहीं, इस बिल के बारे में बीजेपी का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत, स्वावलंबी भारत बनाने के लिए यह कानून बन रहा है जो ऐतिहासिक साबित होगा। ये विधेयक कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये महत्वपूर्ण कदम हैं जो किसानों को मजबूत और समृद्ध बनाएंगे।
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शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है
हरसिमरत कौर के इस्तीफा देने से पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में कहा कि हमने ये फैसला बिल के विरोध में लिया है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। इससे 20 लाख किसानों पर असर पड़ेगा। आजादी के बाद हर राज्य ने अपनी योजना बनाई। पंजाब की सरकार ने पिछले 50 साल खेती को लेकर कई काम किए। पंजाब में किसान खेती को अपना बच्चा समझता है। पंजाब अपना पानी देशवासी को कुर्बान कर देता है। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है।