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कोरोना पर चर्चा: 7 राज्यों के संग PM मोदी की हाई लेवल मीटिंग, बोले- अब केवल ‘माइक्रो लॉकडाउन’
नई दिल्ली। देश भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश 7 राज्यों के सीएम संग हाइलेवल मीटिंग की। तेजी से हो रहे कोरोना प्रसार के मसले पर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक समेत सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीएम और स्वास्थ्य मंत्रियों संग बातचीत के बाद पीएम मोदी ने देश में ‘माइक्रो लॉकडाउन’ (Micro Lockdown) लगाकर कोरोना पर नियंत्रण करने का प्रयास किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों रोज 10 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। शुरू में हमने जो लॉकडाउन किया उसके बहुत फायदे मिले। दुनिया ने सराहा लेकिन अब हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान देना है।
ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन राज्यों के बीच तालमेल जरूरी
उन्होंने कहा कि कई बार अफवाहें उड़ने लगती है। लोगों के मन में संदेह होता है कि टेस्टिंग तो खराब नहीं है। पीएम ने आगे कहा कि जब तक रोजमर्रा में सावधानी नहीं बरतेंगे तब तक कोरोना से जीत नहीं पाएंगे। बीते अनुभवों से समझ में आया है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच सेवाओँ और सामान की आवाजाही में सामान्य नागरिकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ा। उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन राज्यों के बीच तालमेल बहुत जरूरी है। जिससे जीवन की रक्षा की जा सके। पीएम मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है। अब हमें कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।
पीएम के निर्देश- टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट पर बढ़ाना होगा फोकस
उन्होंने कहा, ‘जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।’ पीएम ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है।ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।
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बक़ौल पीएम मोदी, ‘भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है।संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।