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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 170 करोड़ का टॉयलेट भेजेगा NASA; जानें खासियत
नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा (NASA) अगले हफ्ते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (UWMS) नामक $23 मिलियन (लगभग 170 करोड़ रुपए) का एक एडवांस टॉयलेट सिस्टम (Advanced toilet system) भेजने जा रहा है। यूडब्ल्यूएमएस पूर्व-उपचारित मूत्र को एक रिजेनेरेटिव सिस्टम में डालेगा, जो उसे आगे के इस्तेमाल के लिए तैयार करेगा। वहां पर इनके इस्तेमाल के अनुभवों के आधार पर इस टॉयलेट के चंद्रमा और मंगल ग्रह पर इस्तेमाल की संभावना तलाशी जाएंगी। यह यूडब्ल्यूएमएस वर्तमान में स्पेस स्टेशन में उपयोग हो रहे टॉयलेट से 65% छोटा और 40 प्रतिशत हल्का होगा।
पेशाब को पानी बना देगा ये टॉयलेट; अंतरिक्ष यात्री इसी पी भी सकेंगे
बतौर रिपोर्ट्स, इसी टॉयलेट को ओरियन अंतरिक्ष यान में भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों के दस दिन के अभियान पर चंद्रमा पर ले जाएगा और वापस लेकर आएगा। नासा के इस नए टॉयलेट में मल और मूत्र को शोधित करने की भी व्यवस्था है। मूत्र को शोधित कर पुन: इस्तेमाल योग्य पानी में बदला जाएगा, जरूरत पड़ने पर अंतरिक्ष यात्री इसी पी भी सकेंगे। जबकि मल को बाद में फेंक दिया जाएगा।
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नासा से जुड़े एक अंतरिक्ष यात्री ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि हम मूत्र, पसीने और अन्य तरल पदार्थो की 90 प्रतिशत मात्रा तक शोधित कर लेते हैं, जिन्हें हम बाद में इस्तेमाल में ले लेते हैं। धरती पर पानी का शोधन हवा के जरिये होता रहता है लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं हो पाता। वहीं, एक अन्य अंतरिक्ष यात्री द्वारा बताया गया कि वह अपना अगला वोट अंतरिक्ष से देने की योजना बना रही है। वह पृथ्वी से 200 मील से अधिक दूर अंतरिक्ष से अपना अगला वोट डालने की योजना बना रही है।