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WB में सरकार बनाम राज्यपाल विवाद गहराया: धनखड़ बोले-आर्टिकल 154 देखने पर मजबूर ना करें
Last Updated on September 28, 2020 by Deepak
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) और सूबे की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है, लेकिन अब यह विवाद और अधिक गहराता जा रहा है। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल, राज्यपाल ने ममता बनर्जी के शासन पर प्रहार करते हुए कहा है कि उन्हें राज्य की शक्तियां अपने हाथ लेने पर विचार करना होगा। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्यपाल ने कहा कि तृणमूल सरकार ने पश्चिम बंगाल को ‘पुलिस स्टेट’ में बदल दिया है और इसलिए वह संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करने पर मजबूर हो जाएंगे, क्योंकि उनके दफ्तर को लंबे समय से इग्नोर किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति को बताने वाले संविधान के अनुच्छेद 154 (article 154) में कहा गया है कि राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होगी और वह इसका प्रयोग इस संविधान के अनुसार स्वंय या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा।
राज्य में माओवादी उग्रवाद अपना सिर उठा रहा
धनखड़ ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और माओवादी उग्रवाद अपना सिर उठा रहा है। गवर्नर धनखड़ राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने डीजीपी को एक चिट्ठी भी लिखी थी। इसके बाद ममता ने भी राज्यपाल को इसका जवाब दिया था। लेकिन अब एक बार फिर चिट्ठी के जवाब में जगदीप धनखड़ ने चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने ममता से कहा है कि, मुझे उम्मीद है पुलिस का राजनीतिकरण रोकने से आप जरूरी कदम उठाएंगीं। धनकड़ के इस पत्र पर सीएम ममता ने नाराजगी जताई है। ममता ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे 9 पेज के पत्र में कहा कि शक्तियों की सीमा पार कर सीएम पद की अनदेखी करने और राज्य के अधिकारियों को आदेश देने से दूर रहें।