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भारत ने 400 किमी से अधिक दूरी के लक्ष्य पर हमला करने वाले ‘BrahMos’ का किया सफल परीक्षण
Last Updated on September 30, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में भारत ने बुधवार को ओडिशा तट पर एक टेस्ट फैसिलिटी से स्वदेशी बूस्टर के साथ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई और इस परीक्षण में यह बिल्कुल खरा उतरा है। DRDO के मुताबिक, इस टेस्ट को संस्था के PJ-10 प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है।
मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकेगा
इस मिसाइल में इस्तेमाल किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए। प्रयोगिक परीक्षण पूर्वाह्न 10 बजकर 45 मिनट पर किया गया। उन्होंने कहा कि मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को भारत के DRDO और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है। जो कि वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी ट्वीट कर DRDO को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है।
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Congratulations to Team @DRDO_India and @BrahMosMissile for the successful flight testing of #BRAHMOS Supersonic Cruise Missile with Indigenous Booster and Air Frame for designated range.
This achievement will give a big boost to India’s #AtmaNirbharBharat Pledge. pic.twitter.com/39YuAcemed
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 30, 2020
गौरतलब है कि सीमा पर चीन और पाकिस्तान की गोलबंदी के कारण भारत अपनी सामरिक और सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटा है। पूर्वी लद्दाख में चीन की जिद और अतीत में उसके रवैये को देखते हुए भारत को हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। यहीं वजह है कि भारत रक्षा सौदों में भी तेजी लाया है और परीक्षणों में भी।