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चैहड ने प्राकृतिक आवास में जमाया डेरा, रेडियो टैगिंग के माध्यम से किया जा रहा ट्रैक
Last Updated on October 21, 2020 by
शिमला। वन्य प्राणी सप्ताह 2019 के दौरान शिमला (Shimla) के सेरी नामक स्थान से वन विभाग हिमाचल प्रदेश के वन्य प्राणी प्रभाग ने चैहड संरक्षण कार्यकम के अर्न्तगत चैहड पक्षी के जोड़ों एवं छोटे पक्षियों को जंगल में स्थापित करने के लिए छोड़ा था। इन्हें छोड़ने के विभिन्न चरणों के उपरान्त रेडियो टैगिंग (radio tagging) के माध्यम से ट्रैक किया गया। यह जानकारी अर्चना शर्मा प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी हिमाचल प्रदेश ने आज वन विभाग के मुख्यालय से दी।
कई वर्षों पहले पाकिस्तान में किया गया था इस तरह का प्रयास
अर्चना शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, देश में ऐसा पहला राज्य है, जहां इस तरह का कार्य किया गया। इससे पहले एक बार यह प्रयास बहुत वर्ष पहले पाकिस्तान में किया गया था। उन्होंने कहा कि रेडियो टैगिंग के माध्यम से छोड़े गए पक्षियों के क्षेत्र में प्राकृतिक पराभक्षियों के बारे में भी मॉनिटर किया गया। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि चैहड को प्राकृतिक आवास में स्थापित करने में वन्य प्राणी प्रभाग सफल रहा है।
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उन्होंने जानकारी दी कि छोड़े गए पक्षी को गत दिनों में कई बार कैमरा ट्रैक के माध्यम से देखा गया तथा खुशी जताई कि यह पक्षी जंगल में स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि लगभग एक वर्ष के पश्चात पक्षियों का जंगल में पाया जाना इस बात का संकेत है कि वे प्राकृतिक आवास में स्थापित हो चुके हैं तथा जंगल में अन्य पक्षियों के साथ घुल मिल भी गए हैं। उन्होंने इस साकारात्मक परिणाम के लिए चैहड संरक्षण कार्यक्रम से जुड़े सभी कर्मियों को शुभ कामनाएं एवं बधाई दी।