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पंजाब के बाद कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ #Bill पास करने वाला दूसरा राज्य बना राजस्थान
Last Updated on November 2, 2020 by
जयपुर। हाल ही में मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ पंजाब के बाद राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में भी 3 बिल पास कर दिए गए हैं। इसी के साथ ऐसा करने वाला राजस्थान (Rajasthan) दूसरा राज्य बन गया है। अब ये राज्यपाल कलराज मिश्र के पास मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। केंद्रीय कानूनों के खिलाफ पंजाब के बाद राजस्थान में संशोधन विधेयक पारित कराते हुए सरकार ने कहा कि इससे किसान को राहत मिलेगी। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने इस दौरान वॉकआउट किया। इनमें किसानों के हितों की रक्षा के लिए सख्त प्रावधान किया है। इसके मुताबिक, अगर किसान को उत्पीड़न किया जाता है तो इसके लिए दोषी को तीन साल से 7 साल की कैद और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना किया जा सकेगा।
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इन विधेयकों पर दिन भर हुई चर्चा के बाद राज्य विधानसभा ने ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण)(राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा कर पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 को पारित कर दिया। इन विधेयकों का उद्देश्य केंद्र द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी तीन कानूनों का राज्य के किसानों पर प्रभाव ‘निष्प्रभावी’ करना है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ कानून बनाया है। ये कानून किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है। राज्य सरकार इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि केंद्र के कानून से बड़ी कंपनियां किसानों को मजदूर बना देगी। मंडियां खत्म हो जाएंगी। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि किसान की उपज सीधे कंपनियां खरीदेगी, जिससे आढ़तिया बर्बाद हो जाएगी।