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अंधविश्वास की हदः बेटे की चाह में घर के आंगन में चढ़ा दी इकलौती बेटी की बलि
आज भी लोग अंधविश्वास के चलते झाड़-फूंक करने वालों के चक्करों में पड़कर घृणित कार्यों को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक मामला झारखंड( jharkhand) के लोहरदगा जिले में सामने आया है, जहां एक शख्स ने बेटा पैदा होने की चाह में झाड़-फूंक करने वालों के कहने पर 6 वर्षीय इकलौती बेटी की घर के आंगन में बलि चढ़ा दी।
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लोहरदगा से करीब 55 किलोमीटर दूर पेशरार प्रखंड मुख्यालय पंचायत स्थित बोंडोबार गांव के सुमन नगेसिया की एक छह साल की बेटी सुषमा थी। नगेसिया अनपढ़ है। उसे संतान के रूप में एक बेटे की कामना थी, जिसके लिए वह तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहा था। नगेसिया ने झाड़- फूंक करने वालों सेजब बेटे के लिए उपाय पूछा तो उसने बताया कि बेटी की बलि चढ़ा दोगे तो तुम्हारे घर में बेटे का जन्म होगा। आरोपी उनकी बातों में आ गया और उसने अनुष्ठान के बाद घर के आंगन में अपनी इकलौती बेटी की बलि चढ़ा दी।
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वारदात के बाद सुमन नगेसिया को पुलिस ने गिरफ्तार ( Arrest)कर लिया है। नक्सल प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण ग्रामीण सुमन को पकड़कर पहले किस्को प्रखंड मुख्यालय ले गए। यहां पेशरार थाने की पुलिस आई और उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को लोहरदगा मंडल कारागार भेज दिया है। इकलौती बेटी को मौत के घाट उतारने के बाद से झाड़-फूक करने वालों का पता नहीं चल सका है कि वह किस जगह से गांव आए थे?