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पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता सेनानी सत्यमित्र बख्शी, Una में ससम्मान हुई अंत्येष्टि
Last Updated on December 4, 2020 by saroj patrwal
ऊना। स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर भाग लेने वाले ऊना के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी सत्यमित्र बख्शी ( Freedom fighter Satyamitra Bakshi)पंचतत्व में विलीन हो गए। शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी सत्य मित्र बख्शी की अंत्येष्टि ऊना के श्मशान घाट पर की गई। बख्शी का निधन गुरुवार को जिला मुख्यालय की कांग्रेस गली स्थित उनके आवास पर हो गया था। वह 94 वर्ष के थे। स्वतंत्रता सेनानी बाबा लक्ष्मण दास आर्य और दुर्गाबाई आर्य के घर वर्ष 1926 में जन्मे सत्य मित्र बक्शी अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख रूप से शामिल रहे थे। इसी दौरान अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें हिरासत में भी लिया। जिसके बाद उन्होंने लाहौर में 9 माह की जेल भी काटी। स्वतंत्रता सेनानी माता-पिता के घर जन्मे सत्य मित्र को भारत की स्वतंत्रता के प्रति अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खड़े होने का जज्बा विरासत में मिला था। सत्य मित्र बक्शी के बड़े भाई सत्य प्रकाश बागी और छोटे भाई सत्यभूषण बख्शी भी स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं।
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शुक्रवार को उनके आवास से अंतिम यात्रा आरंभ की गई। वहीं जिला मुख्यालय के शमशान में उनकी अंत्येष्टि ससम्मान की गई। स्वतंत्रता सेनानी सत्य मित्र बख्शी की अंत्येष्टि में स्वतंत्रता सेनानी एवं सत्यमित्र बख्शी के छोटे भाई सत्यभूषण बख्शी, हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, कांग्रेस की तरफ से ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह रायजादा, जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम डॉ. सुरेश जसवाल और पुलिस प्रशासन की तरफ से एसएचओ ऊना सदर गौरव भारद्वाज ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके अलावा जिला की विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी अंत्येष्टि में मौजूद रहे।