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#Himachal_Cabinet: हिमाचल में ये क्षेत्र Town Planning Act से बाहर, निजी भूमि से पेड़ कटान में भी राहत
शिमला। कैबिनेट (Cabinet) ने हिमाचल के कुछ क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश शहरी एवं नगर नियोजन अधिनियम-1977 के दायरे से बाहर करने की मंत्रिमंडल उप समीति की सिफारिशों को स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट ने चंबा (Chamba) जिला के भरमौर विशेष क्षेत्र में राजस्व मोहाल पाल्दा, राजौर और चलेड़, सोलन जिला के वाकनाघाट नियोजन क्षेत्र में बानी, बरोड़, माल्गा और सुधारग मोहाल तथा मंडी नियोजन क्षेत्र के आरडा और मन्याना राजस्व मोहाल को बाहर करने का निर्णय भी लिया गया। कैबिनेट ने बिलासपुर, नूरपुर और बद्दी में जिला फॉरेंसिक इकाइयां (Forensic units) स्थापित करने के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों के 12 पदों के सृजन और भरने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने जनहित में क्रमशः 1.37 करोड़, 2.36 करोड़, 3.44 करोड़ और 6.11 करोड़ रुपये की लागत से शिमला, नालागढ़, टांडा और नेरचौक में मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील करने के लिए कार्योत्त्तर स्वीकृति प्रदान करने को अपनी अनुमति दी। इसमें से 50 प्रतिशत धनराशि सीएसआईआर/सीबीआरआई रूड़की को पहले ही प्रदान की जा चुकी है।
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निजी भूमि से पेड़ों को काटने के लिए 10 वर्षीय पात्तन कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश भूमि संरक्षण अधिनियम 1978 के तहत जारी आदेश संख्या एफएफएफबीए (3) 4/99 दिनांक 10 सितंबर, 2002 के पैरा-1 और 6 को संशोधित करने को अपनी मंजूरी प्रदान की। इसके तहत वन उप मंडल अधिकारी (डीएफओ) को एक वर्ष में 50 पेड़ों के स्थान पर 200 पेड़ काटने की अनुमति प्रदान करने का अधिकार, संबंधित मुख्य अरण्यपाल वन/ मुख्य अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 100 के स्थान पर 300 पेड़, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन को एक वर्ष में 200 पेड़ के स्थान पर 400 पेड़ और हिमाचल प्रदेश सरकार को 200 से अधिक पेड़ों के स्थान पर 400 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देने का अधिकार प्रदान किया गया है।
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कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि यदि पेड़ निर्धारित वर्ष में नहीं काटे गए, तब सक्षम प्राधिकारी इस अवधि को एक वर्ष तक बढ़ा सकता है, जहां भूमि की डीमार्केशन और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित एक वर्ष के भीतर पूर्ण की गई हो और संबंधित डीएफओ (DFO) द्वारा कटाई के आदेश दिए गए हों किन्तु पेड़ों की कटाई नहीं की गई हो या आंशिक रूप से की गई हो और जहां भूमि की डीमार्केशन प्रक्रिया और पेड़ों की मार्किंग की प्रक्रिया निर्धारित वर्ष के भीतर पूर्ण कर ली गई हो, परन्तु कटाई के आदेश जारी नहीं किए गए हों। कैबिनेट ने जनहित में उपमहानिरीक्षक (इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी) के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानान्तरित करने को भी अपनी सहमति प्रदान की। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला (IGMC) के रेडियोथेरैपी विभाग के तहत दर्द और प्रशामक देखभाल सैल (पेन एंड पेल्लीएटिव केयर सैल) बनाने के लिए भी अपनी सहमति दी। राज्य में पूर्ण सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए ऐरो खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश ऐरो स्पोट्र्स रूल्स-2020 को अपनी अनुमति प्रदान की। बैठक से पूर्व पर्यटन और बागवानी विभाग द्वारा मार्च-2021 तक छह महीने के लक्ष्य और अप्रैल-2021 से मार्च-2022 तक एक वर्ष के लक्ष्य पर आधारित प्रस्तुति दी गई।
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