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दुनिया में सबसे पहले बच्चों पर Corona Vaccine का परीक्षण करेगा भारत
Last Updated on March 4, 2021 by
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने की जंग तो भारत ने जीत ली है, लेकिन अभी भी इसमें काफी कुछ बदलाव करने बाकी हैं। वैक्सीन भले ही भारत ने सबसे पहले ना बनाई हो लेकिन हमारे देश में ऐसा कुछ होने जा रहा है जो दुनिया में अभी तक कहीं पर नहीं हुआ है। दुनिया में पहली बार भारत कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर बच्चों में वैक्सीन का असर पता लगाने जा रहा है। दो दिन पहले ही दिल्ली एम्स में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी कोवैक्सीन की पहली खुराक ली है। अब हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इसी कोवैक्सीन (Covaxine) का परीक्षण छोटे बच्चों पर भी करने जा रही है। हालांकि इसके लिए पांच वर्ष से कम आयु को शामिल नहीं किया है।
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जानकारी के अनुसार भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के अधीन विशेषज्ञ समिति (एसईसी) को प्रस्ताव भेजा है कि वह कोवैक्सीन का परीक्षण बच्चों पर करना चाहते हैं। क्योंकि कोवैक्सीन पर मानव परीक्षण पहले हो चुके हैं इसलिए बच्चों में वह सीधे तीसरा परीक्षण करना चाहते हैं। इसके लिए 18 से कम और पांच साल से अधिक आयु के बच्चे रहेंगे। समिति ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, लेकिन अभी अनुमति प्रदान नहीं की है।
विशेषज्ञ समिति के अनुसार कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण परिणाम अभी सार्वजनिक नहीं हुए हैं। ऐसे में बच्चों पर परीक्षण की अनुमति देने से पहले कंपनी को वयस्कों पर किए परीक्षण परिणाम सौंपने होंगे। इसके आधार पर ही अनुमति दी जा सकेगी। दरअसल, भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से बचने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक 12 से अधिक टीकों पर खोज पूरी हो चुकी है और यह सभी टीके 12 वर्ष से अधिक आयु वालों को ही दिए जा रहे हैं। इससे कम आयु वालों के लिए टीके की खोज नहीं हो पाई है।