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आपके चूल्हे की राख अब बर्तन साफ करने के लिए बिक रही बादाम के भाव, पढ़ें यह रिपोर्ट
Last Updated on March 7, 2021 by
पुराने समय में लोग बर्तन साफ करने के लिए चूल्हे की राख (Ash) का इस्तेमाल करते थे। समय बीतता गया और केमिकल ने धीरे-धीरे इन चीजों को रिप्लेस कर दिया, लेकिन जब केमिकल (Chemical) से बनी चीजों को इस्तेमाल ज्यादा होने लगा तो दुनिया को याद आए पुराने नुस्खे जिसे आज की भाषा में ऑर्गेनिक (Organic) कहा गया है। इसी का एक उदाहरण है कि कैसे आज गाय का गोबर और उपले भी ऑनलाइन (Online) अच्छी खासी कीमत पर बेचे जा रहे हैं। ऐसे ही अब आपके चूल्हे और कोयलों की राख भी ऑनलाइन डिशवॉशिंग लिक्विड (Dishwashing liquid) बनकर बादाम के भाव बिक रही है।
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दरअसल लकड़ी के कोयले (Coal) और चारकोल की राख (Ash) के बारे में आर जानते ही होंगे। ग्रामीण इलाकों में इस राख को बर्तन साफ (Ash for Dishwashing) करने के काम में लाया जाता था, लेकिन अब कोई राख से बर्तन साफ करता है तो उसे पिछड़ा माना जाता है। अब डिजिटल युग में इसी राख के तेवर और कलेवर भी बदल गए हैं। यही राख अब आकर्षक पैकिंग में ई-कॉमर्स साइट्स (E-commerce Sites) पर डिश वाशिंग वुड ऐश के नाम से बिक रही है।
दरअसल, इस राख की मार्केंटिंग डिशवाशिंग वुड ऐश (Dishwashing Wood Ash) के नाम से हो रही है। आप कहेंगे कि इसमें क्या बड़ी बात है, लेकिन बात इसलिए बड़ी क्योंकि इसकी कीमत ऑलनाइन (Online Price) है 499 रुपए प्रति 250 ग्राम। हालांकि डिस्काउंट (Discount) के बाद इसे 160 रुपए प्रति 250 ग्राम दिया जा रहा है। ऐसे में व्यक्ति डिस्काउंट में भी इस प्रोडक्ट को खरीदता है तो एक किलोग्राम के लिए उसे करीब 640 रुपए चुकाने होंगे। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स (E-commerce websites) पर राख को बर्तन धोने के लिए कारगर बताने के साथ इसे पौधों के लिए बेहतर उर्वरक (Fertilizer) भी बताया गया है। इस तरह के उत्पाद बनाने वाली कंपनियां अधिकतर तमिलनाडु (Tamilnadu) से हैं।
वैसे आपको बता दें कि वैज्ञानिकों (Scientists) का भी कहना है कि राख बर्तन साफ करने में इसलिए कारगर है क्योंकि इसमें कार्बन (Carbon) होता है। राख सिर्फ बर्तनों में लगी गंदगी और तेल के निशानों को साफ कर सकती है, उन्हें अधिक चमकाने में नहीं। ये सुरक्षित भी है क्योंकि इसमें कैमिकल (Chemical) की मौजूदगी नहीं होती। राख में पोटाशियम (Potassium) होता है इसलिए इसका उर्वरक के तौर पर भी खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है।