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मिसालः मां के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे ये डॉक्टर्स
Last Updated on April 19, 2021 by
देश व दुनिया के लोग इस समय कोरोना की दूसरी लहर ( Second wave of corona) से जूझ रहे हैं। यह घातक लहर देश के कई राज्यों में रौद्र रूप घारण किए हुए हैं। कोरोना संक्रमितों ( Corona infected)की बढ़ती संख्या के इलाज में हमारे कोरोना वार्रियर्स ( Corona warriors)दिन रात जुटे हुए हैं। अस्पतालों में में तैनात डॉक्टर्स ( Doctors) दिन रात एक करके मरीजों की सेवा में लगे हैं। बहुत सारे ऐसे डॉक्टर्स और नर्सेस हैं जो ना तो छुट्टी ले पा रहे हैं और ना ही घर जा पा रहे हैं। वो सब कुछ भूल कर दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं।
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आज हम आप को दो ऐसे कोरोना वार्रियर्स के बारे में बता रहे हैं जो जिन्होंने अपनी- अपनी मां को खो दिया पर काम पर असर नहीं पड़ने दिया। गुजरात के वडोदरा में सयाजी अस्पताल (Sayaji Hospital of Vadodara) में पीएसएम में कोविड प्रबंधन में कार्यरत डॉ. राहुल परमार की मां का पिछले दिनों गांधीनगर में निधन हो गया। निधन का समाचार मिलने पर वो गांधीनगर पहुंचे और पुत्र होने के नाते मां के अंतिम संस्कार का फर्ज पूराकर वे अगले दिन सवेरे पुन: वडोदरा पहुंचकर ड्यूटी पर जुट गए।
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डॉ. राहुल खुद भी दिसंबर महीने में कोरोना संक्रमित हो गए थे । कोरोना से जंग जीतकर वे दोबारा ड्यूटी कर रहे हैं। इस अस्पताल के एक और डॉक्टर है डॉ. शिल्पा पटेल। दो दिन पहले तीन बजे कोविड-19 आईसीयू में भर्ती उनकी मां ने दम तोड़ दिया । मां का अंतिम संस्कार होने के बाद डॉक्टर ने एक बार फिर से अपनी पीपीई किट पहनी और काम पर लौट आईं।
इन दोनों डॉक्टर्स के जज्बे को समर्पण और सेवा निष्ठा देखकर लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। दोनों ने मानवता की एक अनूठी मिसाल कायम की है । यही कारण है कि लोग डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहते हैं।