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किसानों को Punjab और हरियाणा जाने की जरूरत नहीं, हिमाचल में ही होगा कुछ ऐसा
Last Updated on April 23, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल सरकार (Himachal Govt) ने किसानों की सुविधा और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष राज्य में ही गेहूं खरीद केंद्र (Wheat Procurement Centers) खोलकर गेहूं खरीद को ज्यादा सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर (Agriculture Minister Virender Kanwar) ने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और ऊना के किसान अपनी उपज पड़ोसी राज्यों पंजाब (Punjab) और हरियाणा में बेचने जाते हैं, जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए उनकी सुविधा के लिए प्रदेश में ही गेहूं खरीद केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाहुल-स्पीती व किन्नौर जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में गेहूं की फसल उगाई जाती है और इस वर्ष लगभग 672 हजार मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने का अनुमान है। राज्य सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,975 रुपये तय किया है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कृषि विभाग व विपणन बोर्ड की मदद से गेहूं की खरीद के लिए सिरमौर (Sirmaur) जिला के पांवटा साहिब व काला अंब, ऊना (Una) जिले में कांगड़ (हरोली) व टकराला और जिला कांगड़ा (Kangra) के फतेहपुर में खरीद केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने सोलन (Solan) जिले के नालागढ़ में गेहूं खरीद केंद्र खोलने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में लगभग 6,701 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। पांवटा साहिब (Paonta Sahib) में 5,570, काला अंब में 367, ऊना जिला के कांगड़ में 379.50 व टकराला में 132 तथा जिला कांगड़ा के फतेहपुर में 252.50 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई है। उन्होंने विभाग को गेहूं खरीद के लिए समय रहते प्रबंध करने और खरीद केंद्रों पर सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए, ताकि केंद्र पर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश के किसानों से अपनी उपज को निकटवर्ती खरीद केंद्रों पर लाने और अपने उत्पादों को निर्धारित समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचने का आग्रह किया।