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ब्लैक फंगस में कैसे हो सकते हैं इंश्योर्ड-आपके मतलब की है जानकारी
Last Updated on June 6, 2021 by
कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) से जूझ रहे देशवासियों पर एक और संकट ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने खडा कर रखा है। तेजी से फैल रही इस बीमारी के बीच में ही व्हाइट फंगस के भी मामले सामने आ चुके हैं। इसी के चलते लोगों को राहत पहुंचाने के लिए बीमा नियामक इरडा ने इंश्योरेंस कंपनियों को कोरोना कवर देने का निर्देश बीते वर्ष ही दे दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कुछ श्रेणी में हर तरह के कवर शामिल हैं,जिसमें कोरोना व ब्लैक फंगस भी शामिल किया गया है। लेकिन कुछ एक प\लिसी में इनका कवर अलग से लेना पडता है।
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बताया जाता है कि कंप्रिहेंसिव स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Comprehensive Health Insurance Policy) में ब्लैक फंगस का इलाज शामिल होता है। कंप्रिहेंसिव यानी यानी वृहद जिसमें ज्यादातर बीमारियों का कवर शामिल होता है। इसका प्रीमियम सामान्य पॉलिसी की तुलना में कुछ महंगा होता है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसी को भी इंश्योरेंस कंपनी से पता कर लेना चाहिए कि आपकी पॉलिसी में कवर या नहीं। यदि आपके पास कंप्रिहेंसिव स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तो ब्लैक फंगस के लिए अलग से पॉलिसी लेने की जरूरत नहीं है। इससे आपको अलग से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पडेगी। लेकिन ऐसा नहीं है तो इसे कवर करने के लिए पॉलिसी लेनी होगी। कोरोना के कवर के लिए इंश्योरेंस कंपनियां अलग से भी विशेष पाॅलिसी दे रही हैं जिसका चयन आपको करना होगा। ध्यान रहे कि यदि आपके पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य बीमा पॉलिसी (Pradhan Mantri Jan Arogya Bima Policy) है तो कोरोना या ब्लैक फंगस के लिए अलग से पॉलिसी लेने की जरूरत नहीं है। इस सरकारी पॉलिसी में कोरोना का 1.50 लाख रूपए तक कवर शामिल है।