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ऐसा भी होता हैः चार घंटे सड़क पर बैठे रहे बीजेपी विधायक, फिर मुलाकात करने आए कलेक्टर बाहर
आप ने ऐसे कई वाक्ये सुने, पढ़े और देखे भी होंगे कि किसी विधायक ने आला अफसर को फटकार लगाई। क्या कभी ऐसा सुना है कि किसी अफसर से मिलने के लिए विधायक को अफसर के घर के बाहर चार घंटे तक डेरा डालना पड़ा हो। ये नजारा देखने को मिला है मध्य प्रदेश के छतरपुर में। यहां पर जिलाधिकारी ने शीलेंद्र सिंह ने मुलाकात का समय नहीं दिया तो विधायक राजेश प्रजापति को सड़क पर कलेक्टर आवास के बाहर डेरा डालना पड़ा। विधायक चार घंटे तक सड़क पर बैठे रहे, तब कहीं जाकर कलेक्टर बाहर मुलाकात करने आए। हैरान की बात यह है कि राज्य में बीजेपी की सरकार है और विधायक महोदय भी सत्ता पक्ष के ही थे।
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विधायक राजेश प्रजापति जिलाधिकारी कार्यालय लवकुशनगर विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर छतरपुर पहुंचे थे। प्रजापति का कहना है कि वे यहां पहुंचे तो कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने किसी काम में व्यस्त होने की बात कह कर बैठने को बोला, मगर यह नहीं कहा कि कहां बैठें? उन्होने छह बजे तक इंतजार किया, फिर कलेक्टर से सामना हुआ मगर उन्होंने कोई महत्व नहीं दिया। बीजेपी विधायक प्रजापति का कहना है कि वे उसके बाद कलेक्टर कार्यालय में रहे, इसी दौरान कलेक्टर अपने आवास पर चले गए। जब पता चला कि कलेक्टर घर चले गए है तेा उन्होंने भी कलेक्टर आवास का रुख किया। जब आवास पर पहुंचे तो सुरक्षा बल ने कलेक्टर के ना होने की बात कही।
विधायक के अनुसार जब सुरक्षा बल ने कलेक्टर के आवास में न होने की बात कही तो वे दरवाजे की सड़क पर ही अपने साथियों के साथ बैठ गए। लगभग चार घंटे दरवाजे पर बैठे रहे, इस दौरान कई अधिकारी अंदर गए और बाहर आए। उन अधिकारियों ने भी कलेक्टर के घर के भीतर होने की बात कही, मगर सुरक्षाबल लगातार नकारता रहा। रात 11 बजे के बाद कलेक्टर सिंह बाहर आए। विधायक ने आईएएनएस से कहा कि, राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव और पार्टी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से तो कुछ मिनटों में ही मुलाकात हो जाती है, मगर छतरपुर के कलेक्टर से मिलना आसान नहीं है। जब मेरे साथ यह बर्ताव है तो फिर जनता के साथ क्या होता होगा, इसका अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। विधायक का आरोप है कि कलेक्टर लगातार जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे है, उनके मान सम्मान का ख्याल नहीं रखते। जिलाधिकारी कार्यालय में मुझसे बैठने तक को नहीं कहा गया। यह प्रोटोकाल का खुला उल्लंघन है। आईएएनएस ने विधायक के आरोपों को लेकर जिलाधिकारी शीलेंद्र सिंह से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।
आईएएनएस