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ओमिक्रॉन वैरिएंट पर AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का क्या है कहना, जानें
Last Updated on December 4, 2021 by saroj patrwal
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिला कोरोना का नया स्वरूप ओमिक्रॉन (Omicron) देश में तीसरी लहर ला सकता है। जानकार कहते हैं कि ऐसा होने का चांस है। सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ एंड इंडीग्रेटिव बायोलॉजी के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि ओमिक्रॉन में ऐसे बदलाव देखे गए हैं, जो कोरोना के पिछले वैरिएंट में नहीं दिखे थे। उनका कहना है कि ओमिक्रॉन इंसान के इम्यून सिस्टम को भी मात दे सकता है।
बता दें कि डब्लूएचओ ने ओमिक्रॉन की पहचान के दो दिन बाद ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया था। डब्लूएचओ और कई रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा बार म्यूटेशन हो चुका है। वहीं, भारत सरकार ने भी अपने एक बयान में ओमिक्रॉन को डेल्टा के मुकाबले 5 गुना ज्यादा संक्रमक बताया है।
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ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के इस वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा बार म्यूटेशन हो चुका है। इसलिए यह वैक्सीन को भी धोखा दे सकता है। जबकि दक्षिण अफ्रीका की एक रिसर्च कहती है कि इस वैरिएंट से संक्रमितों में अजीब लक्षण पाए गए हैं। दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिक और डॉक्टर कहते हैं कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों में दूसरे वैरिएंट के मुकाबले हल्के दिखाई देते हैं।
इधर, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन कोरोना के पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है। यह इम्यून रिस्पॉन्स को बेअसर कर सकता है। ओमिक्रॉन को लेकर दक्षिण अफ्रीका में हुई शुरुआती जांच कहती है, यह डेल्टा वैरिएंट्स से छह गुना ज्यादा संक्रामक है। बता दें कि डेल्टा वैरिएंट के कारण ही देश में दूसरी लहर आई थी, लाखों लोगों की जानें गई थीं।
वहीं, ओमिक्रॉन की सबसे पहले पहचान करने वाली डॉ. एंजेलीके केएट्जी का कहना है, इस वैरिएंट के लक्षणों में मुख्य तौर पर थकान और हल्का सिरदर्द देखा गया है। जबकि कोरोना संक्रमितों को आमतौर पर खांसी, बुखार या गंध व स्वाद जाने की समस्या आती है। जिससे इंसान अलर्ट हो जाता है। अब इन नए लक्षणों के दिखने से मरीजों को प्राथमिक तौर पर पहचान करने में दिक्कत आ सकती है।