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Union Budget: आम बजट में इस बार क्या मिलेगा और किस पर मिलेगी छूट, जानें यहां
कल संसद (Parliament) में 2022-23 का आम बजट किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) इसे पेश करेंगी। इस बजट पर आम आदमी से लेकर हर बड़े-छोटे बिजनेसमैन (Businessman) की नजर रहती है, क्योंकि इससे उनकी जेब पर क्या फर्क पड़ने वाला है और उनके हाथ में क्या आएगा और क्या नहीं, यह सब यहीं से तय होता है। बजट से पहले हर क्षेत्र के लोग और एक्सपर्ट (Expert) अपनी मांग या उम्मीदों को सरकार के सामने रखते हैं। हर बजट से पहले इस तरह की राय सरकार तक पहुंचाई जाती है, जिस पर सरकार अपने हिसाब से अमल करती है। आइए कुछ ऐसी ही उम्मीदों की बात करते हैं जो जनता ने सरकार (Goverment) से लगाई हैं। इन उम्मीदों में टैक्स (Tax) बचत से लेकर कमाई पर टैक्स स्लैब को बढ़ाने की भी मांग है। लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) के प्रीमियम पर भी टैक्स छूट बढ़ाने की मांग है।
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करमुक्त आय की सीमा बढ़ने की उम्मीद
करमुक्त (Tax Free) आय की सीमा को बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट कहते हैं। आम जनता से लेकर अमीरों के लिए भी यह मांग पुरजोर रहती है। इस बार भी लोग चाहते हैं कि सरकार बिना टैक्स वाली कमाई का दायरा बढ़ा दें। अभी यह लिमिट 2.5 लाख रुपए की है। माना जा रहा है कि सरकार इस बजट में करमुक्त आय की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है। इससे एक बड़ी आबादी को राहत मिलेगी।
स्टार्टअप के लिए नई घोषणाएं संभव
ऊपर हमने आम जनता को राहत दिए जाने की बात की। कुछ ऐसी ही उम्मीद देश में तेजी से फल-फूल रहे स्टार्टअप (Startup) को भी है। स्टार्टअप कंपनियां इस बजट में कुछ खास प्रावधान और छूट की उम्मीद लगाए बैठी हैं। विश्व आर्थिक मंच को हाल में संबोधित करते हुए पीएम (PM) ने भारत के स्टार्टअप की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने बताया था कि बेहद कम दिनों में कई स्टार्टअप यूनीकॉर्न में तब्दील हो र्गईं। साल 2021 में भारत की स्टार्टअप कंपनियों ने 4200 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई है। अब इन कंपनियों की मांग है कि सरकार भी इन्हें सुविधाएं और टैक्स छूट बढ़ाने का ऐलान करे।
क्रिप्टोकरंसी के टैक्स पर फैसला
क्रिप्टोकरंसी ( Cryptocurrency) में भारत का अरबों रुपया लगा है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर कुछ नहीं कहा है कि क्रिप्टो को अवैध घोषित किया जाए या उसे वैध का दर्जा मिलेगा। इस वजह से निवेशकों में घोर असमंजस है। निवेशक चाहते हैं कि सरकार इस पर बजट में कुछ ऐलान करें। निवेशकों का कहना है कि उन्हें क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स देने में कोई दिक्कत नहींए लेकिन सरकार इसका फ्रेमवर्क लाए। टैक्स सिस्टम को लेकर निवेशकों ने बजट पर नजरें लगाई हैं।
रियलिटी सेक्टर की मांग
इस बजट से रियलिटी सेक्टर (Reality Sector) को कई उम्मीदें हैं। इस सेक्टर का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच रियल एस्टेट में पहले की तुलना में कुछ तेजी देखी जा रही है। सबसे अच्छी बात ये कि बैंकों से लेकर हाउसिंग कंपनियां तक ग्राहकों को बेहद सस्ते में लोन दे रहे हैं। आज होम लोन (Home Loan) पहले की तुलना में बहुत कम है। ऐसे में सरकार को रियलिटी सेक्टर के लिए खास इनसेंटिव का ऐलान करना चाहिए, जिससे कि पहले के घाटे की भरपाई हो सके।
खत्म होगा एलटीसीजी टैक्स
लोगों की मांग है कि अलग-अलग निवेश पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) न देना पड़े। निवेशक चाहते हैं कि सरकार इस टैक्स को खत्म कर दे। हालांकि सरकार इसे खत्म करने से मना कर चुकी है, लेकिन आगे क्या इसमें कोई बदलाव होगा। यह देखने वाली बात होगी। निवेशक चाहते हैं कि इक्विटी शेयरों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को खत्म किया जाए, जिससे कि स्टॉक एक्सचेंज के मार्फत निवेश में बढ़ावा मिले।
इक्विटी निवेश पर एसटीटी हटाने की मांग
एसटीटी इक्विटी निवेश पर केंद्र सरकार की ओर से लगाया जाता है। एसटीटी टीडीएस (STT TDS) की तरह ही होता है और यह टैक्स तब लगता है, जब आप शेयर खरीदते या बेचते हैं। एसटीटी को टीसीएस और टीडीएस की तरह कलेक्ट किया जाता है। निवेशकों का कहना है कि शेयरों की खरीद-बिक्री पर लांग टर्म कैपिटल गेन, जीएसटी (GST) और सिक्योरिटीज ट्राजेक्शन टैक्स एक साथ लगाए जाने की जरूरत नहीं है।