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माता-पिता ने दूल्हे की तरह सजाकर किया जांबाज अंकेश को विदा
अरुणाचल के केमांग में हिमस्खलन की चपेट में आकर बलिदान हुए बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के सेऊ गांव के जांबाज सैनिक अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह घर पहुंची गई। लोगों ने अंकश भारद्वाज अमर रहे के नारे भी लगाए। इस दौरान पिता बांचा राम कोट, पेंट, टाई और सिर पर टोपी लगाए हुए थे। बलिदानी के पिता बांचा राम व माता कश्मीरा देवी ने जांबाज को शादी के वस्त्र पहनाए व बैंडबाजे के साथ अंतिम यात्रा के लिए भेजा। माता-पिता का सपना था कि वह बेटे की धूमधाम से शादी करते, लेकिन ऐसा हो न पाया। बिलासपुर जिला में प्रवेश करते ही शहीद की वीर देह के सम्मान में सैंकड़ों लोगों ने उन्हें नमन किया। छोटे भाई आकाश भारद्वाज ने बड़े भाई की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद अंकेश को सैंकड़ों लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। पुरुषों के साथ महिलाएं भी शहीद को श्रद्धांजलि देने मुक्ति धाम पहुंची।