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हिमाचलः महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिरों में उमड़े शिवभक्त, लगी लंबी कतारें
महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रदेश के मंदिरों में शिवभक्तों की सुबह से कतारें लगी हुई हैं। लोग शिवलिंग पर जल, दूध, व बेलपत्र अर्पित कर सुऱ व समृद्धि की कामना कर रहे हैं। राजधानी शिमला के राम मंदिर में शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर में शिवरात्रि पर भगवान शिव के विवाह का आयोजन किया गया। गंज मंदिर से सुबह 10 बजे बाबा भोलेनाथ की बारात ने राम मंदिर के लिए प्रस्थान किया। बारात सीटीओ, लोअर बाजार होते हुए राम मंदिर पहुंची। इसके बाद शिव विवाह की रस्में पूरी की जाएंगी।
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बिजली महादेव में भक्तों ने किया शिव शंकर का जयघोष
कुल्लू जिला में सभी शिव मंदिरों के हजारों भक्तों ने शिवलिंग की पूजा अर्चना की। देवों के देव बिजली महादेव मंदिर में सुबह 6 बजे से भक्तों ने लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर शिवलिंग पर दूध, दही, मक्खन व बेलपत्र अर्पितकर पूजा-अर्चना की। बिजली महादेव के परिसर में भक्तों में शिव शंकर की जयघोष किया। कुल्लू जिला की ऊंची पहाड़ी में 7870 फीट की ऊंचाई पर बिजली महादेव मंदिर अंदर स्थापित शिवलिंग को पुष्प, बेलपत्र की हार बनाकर सजाया गया है, जिसे चैंसर का नाम दिया गया है। बिजली महादेव के पुजारी गगन शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि के महापर्व पर ब्रह्म मुर्हुत में शिवलिंग को चैंसर लगाया जाता है। जिसमें फूल, पाजा, बेलपत्र की मालाएं बनाए कर सजाया जाता है, जिसमें शिवलिंग को 24 घंटे तक चैंसर लगाया जाता है। शिवरात्रि पर हर साल बिजली महादेव मंदिर में शिवलिंग के दर्शन पूजा अर्चना के लिए आते है। पंजाब के भंटिडा से आए बाबा अशोक गिरी ने कहा कि भगवान बिजली महादेव के शिवलिंग पर हरिद्वार से पवित्र जल लेकर आए है और यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कर आर्शिवाद लिया है और भगवान बिजली महादेव पर श्रद्वालुओं की आस्था है और यहां पर भगवान के साक्षात्कार दर्शन होते है।
ऊना के शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
ऊना बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान जिला के सैंकडों मंदिरों में हजारों की तादाद में भक्तों ने माथा टेका। सुबह तड़के से ही जिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। वहीं ऊना के प्रमुख नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा।
जिला में स्थित नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अद्र्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान् शिव की 81 फ़ीट ऊंची प्रतिमा वाले महादेव मंदिर कोटला कलां में फूटने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थी। श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा अर्चना की। शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया। ऊना जिला के पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आये श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए इनमें से अधिकतर मंदिर पांडव काल के माने जाते है। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था। मंदिरों में शीश निवाने आये श्रद्धालुओं की माने तो भगवान् भोले नाथ सभी की मनोकामना पूरी करते है।