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HRTC का कमालः 26 किमी के सफर में तीन बार ठंडा करना पड़ा खटारा बस का ईंजन
मंडी। हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों का क्या कहना …. जब चाहे .. जहां चाहे खड़ी हो जाती है। सवारियां परेशान होती है तो क्या हुआ….हम नहीं सुधरेंगे। पिछले कुछ दिनों से एचआरटीसी की बसों की दयनीय हालत के किस्से रोज कहीं ना कहीं से सामने आ ही जाते है। ताजा मामला मंडी जिला का है। यहां पर 26 किमी का सफर तय करने के लिए एचआरटीसी की खटारा बस के ड्राईवर और कंडक्टर को तीन बार ईंजन पर पानी की बौछारें डालकर उसे ठंडा करना पड़ा, तब जाकर कहीं यह खटारा बस सर्विस स्टेशन तक पहुंच पाई।
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दरअसल मंडी से पठानकोट के लिए रवाना हुई एचआरटीसी के जोगिंद्रनगर डिपो की खटारा बस नंबर एचपी 53 8829 पधर के पास पहुंचते ही हांफ गई। पधर के पास ईंजन ओवरहीट हो गया। ऐसे में ड्राईवर और कंडक्टर ने समय रहते बस में सवार 12 यात्रियों को दूसरी बस में शिफ्ट करवाकर आगे भेज दिया और खुद बस का ईंजन ठंडा करने में जुट गए। पानी की बौछारें डालकर बस का ईंजन ठंडा किया और दोनों खाली बस को जोगिंद्रनगर की तरफ लेकर चल पड़े। अभी बस मुश्किल से पांच किमी भी नहीं चली थी कि उरला के पास फिर से ईंजन गर्म हो गया। यहां पर भी आधे घंटे तक पानी की बौछारें मारकर ईंजन को ठंडा करना पड़ा। यहां पर ईंजन ठंडा करने के बाद दोनों ड्राईवर-कंडक्टर आगे के लिए रवाना हुए। 5 किमी बाद फिर से बस ने सांस छोड़ना शुरू कर दी। घटासनी के पास फिर से बस का ईंजन गर्म हो गया। यहां फिर से ईंजन पर पानी की बौछारें मारकर उसे ठंडा करना पड़ा। इसके बाद बस को जोगिंद्रनगर पहुंचाया जा सका। वहीं जब इस बारे में जोगिंद्रनगर के क्षेत्रीय प्रबंधक कुलदीप ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बस में अचानक कोई तकनीकी खामी आई होगी, जिस कारण ऐसा हुआ है। खामी को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। डिपो के अधीन 48 बसें हैं और सभी अच्छी कंडीशन में काम कर रही हैं।