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Sri Lanka Crisis:कठिन दौर से गुजर रहा देश, रसोई गैस महंगा, पेट्रोल पंपों पर ताला
श्रीलंका इस वक्त सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। हालत यह है कि सरकार के पास पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस जैसी जरूरी चीजें खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। जो थोड़ा-बहुत सामान बचा है, वो इतना महंगा है कि खरीदने में पसीने छूट रहे हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। क्लासेस ऑनलाइन चलानी पड़ रही हैं। जो जरूरी नहीं, उन क्षेत्रों के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। 22 मिलियन की आबादी वाले श्रीलंका पर इस समय 50 बिलियन डॉलर से अधिक का कर्ज है। इसमें से उसे 2027 तक 28 अरब डॉलर का भुगतान करना होगा।
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12.5 किलो के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत इस महीने 50 श्रीलंकाई रुपये बढ़कर 4,910 रुपये हो गई है। वो भी बाजार में मिले, यह गारंटी नहीं। लोगों ने स्टोव पर खाना पकाना शुरू कर दिया है। फ्यूल महंगा होने और उपलब्धता न के बराबर होने से श्रीलंकाई लोग साइकिल पर उतर आए हैं। व्हीकल्स घर पर रख दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी साइकिलों के विज्ञापन भरे पड़े हैं। साइकिलों की कीमत अब 60,000 श्रीलंकाई रुपये तक हो सकती है। सामान्य समय में इनकी कीमत लगभग 20,000-30,000 श्रीलंकाई रुपये होती है। राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करने वाले प्रदर्शनकारी जश्न मनाते हुए।श्रीलंका में अधिकतर पेट्रोल पंपों पर ताला लटका है। जो खुले हैं, वहां लंबी लाइनें हैं। फ्यूल पुलिस और आर्मी की निगरानी में मिल रहा है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 15-17 जुलाई को डीजल और 22-24 जुलाई के बीच पेट्रोल की खेप आ सकती है।
संसद 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी
श्रीलंका ने 20 जुलाई को संसद से नए राष्ट्रपति का चुनाव करने का फैसला किया है।स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने यह घोषणा तब की जब राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें आधिकारिक रूप से सूचित किया कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे, जैसा कि उन्होंने पहले वादा किया था।स्पीकर ने सरकार और विपक्ष दोनों के 35 से अधिक राजनीतिक दल के नेताओं को एक सर्वदलीय सरकार नियुक्त करने के लिए अगले कदम तय करने के लिए तलब किया है। बैठक में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद थे।”15 जुलाई को संसद को बुलाने का निर्णय लिया गया है और प्रेसीडेंसी के पद के लिए रिक्ति के संबंध में घोषणा की जानी है जिसे भरने की जरूरत है। 19 जुलाई को चुनाव के माध्यम से एक नए राष्ट्रपति की नियुक्ति के लिए नामांकन बुलाया जाएगा।”मुख्य विपक्षी दल समागी जनवबलवेगया (यूनाइटेड पीपल फ्रंट) के महासचिव रंजीत मद्दुमबंदरा ने कहा ने कहा, “संविधान के अनुसार जब राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो संसद को तीन दिनों के भीतर बुलाया जाना चाहिए और नए राष्ट्रपति की नियुक्ति के लिए नामांकन की घोषणा की जानी चाहिए। उसके बाद दो दिनों के भीतर चुनाव होना चाहिए।”