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एडीआर रिपोर्ट में खुलासा, सीएम सुक्खू ने किया सबसे कम चुनावी खर्च लेकिन बने सीएम
शिमला। क्या आप जानते हैं कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में किए नेता ने सबसे कम खर्च (Less Expenditure) करके सबसे बड़ी जगह पा ली। जी हां अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो बिल्कुल सहीं सोच रहे है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने चुनाव में सबसे कम खर्च करके चीफ मिनिस्टर (Chief Minister) की सबसे बड़ी कुर्सी इस चुनाव में पाई। इस चुनाव के लिए सभी विधायकों के घोषित खर्च पर गौर करें तो सुक्खू ने सबसे किफायती चुनाव लडा। उन्होंने इस चुनाव में चुनाव आयोग (Election commission) द्वारा चुनावी खर्च के लिए तय सीमा का सबसे कम यानी सिर्फ 28 फीसदी की खर्च किया था। सुक्खू ने पूरा चुनाव सिर्फ 11 लाख 25 हजार 554 खर्च करके लडा। पिछले साल हुए विधानसभा में चुनाव जीतने वाले विधायकों के चुनावी खर्च की रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाॅम्र्स (Association for Democratic Reforms) यानी एडीआर ने जारी कर दी है।
23 विधायकों ने 50 फीसदी भी खर्च नहीं किया
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव जीतने वाले विधायकों में कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने चुनावी खर्च की तय सीमा (Fixed limit) से आधा भी खर्च नहीं किया। हालांकि इस केटेगरी में आने वाले सिर्फ ही विधायक हैं। यानी 66 विधायकों की औसत के लिहाज से देखा जाए तो महज 23 विधायक ने भी कुल चुनावी खर्च में से 50 फीसदी से कम खर्च कर पाए। एडीआर ने इस रिपोर्ट में 68 में से 66 विधायकों को शामिल किया है। इन 66 विधायकों में 40 कांग्रेस (Congress) 23 बीजेपी (BJP) और 3 निर्दलीय थे। इस चुनाव में प्रचार के लिए अधिकतम तय सीमा 40 लाख थी। चुनाव के बाद चुनाव आयोग को दी चुनाव खर्च घोषणाओं के आधार पर एडीआर की ये रिपोर्ट शनिवार को आई है। इस रिपोर्ट में प्रदेश में चुनाव जीतने वाले इन 66 विधायकों ने औसतन 24 लाख 88 हजार का चुनावी खर्च किया। 40 विधायकों का औसत चुनाव खर्च सीमा में से सिर्फ 22.87 लाख ही खर्च किया जो कि चुनाव खर्च सीमा का 57.2 प्रतिशत है। 3 विधायकों तो कुल चुनाव खर्च का सिर्फ 50 फीसदी से भी आधा यानी 20 लाख 87 हजार ही खर्च किया। .
बीजेपी प्रत्याशियों का औसत प्रचार खर्च कांग्रेस से ज्यादा
बीजेपी सत्ता में थी और मिशन रिपीट (Mission Repeat) के नारे के साथ मैदान में थी। बीजेपी के हाथ से सत्ता भले ही चली गई लेकिन चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रत्याशियों का चुनावी खर्च कांग्रेस के प्रत्याशियों से ज्यादा था। एडीआर की रिपोर्ट में शामिल बीजेपी के 23 विधायकों ने जब चुनाव लड़ा तो इस चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशियों का औसत चुनावी खर्च 28 लाख 89 हजार था जबकि कांग्रेस के विधायकों ने औसतन बीजेपी से लगभग 6 लाख कम यानी 22 लाख 87 हजार खर्च किए। यहां तक कि इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी भी औसतन चुनावी खर्च में पीछे राजनीतिक दलों (Political Parties) के विधायकों से ज्यादा कम नहीं था। इस रिपोर्ट में शामिल किए गए 3 निर्दलीय विधायकों ने औसतन 20 लाख 87 हजार खर्च किया।
मौजूदा सीएम समेत 3 कांग्रेस विधायकों का चुनावी खर्च रहा सबसे कम
इस चुनाव में मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत 3 मौजूदा कांग्रेस विधायकों ने कुल खर्च की सीमा का 36 फीसदी से भी कम खर्च किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तो तय सीमा का सिर्फ 28 फीसदी यानी 11 लाख 25 हजार 554 खर्च किया। लेकिन कांग्रेस के चंबा और कुटलैहड़ के विधायकों ने भी कम खर्च किया। चंबा से कांग्रेस विधायक नीरज नैयर (Neeraj nayyar) ने सिर्फ 30 फीसदी यानी 12 लाख 07 हजार 146 रुपए ही खर्च किए। कुटलैहड़ से कांग्रेस के विधायक देवेंद्र (Davinder kumar) कुमार ने भी कुल चुनावी खर्च का 36 फीसदी यानी 14 लाख 47 हजार 643 खर्च किया था।
पूर्व सीएम समेत बीजेपी के 3 विधायकों का चुनावी खर्च था सबसे ज्यादा
इस चुनाव में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) समेत बीजेपी के 3 विधायकों ने अपने प्रचार में कुल तय सीमा का सबसे ज्यादा खर्च किया। चैपाल से बीजेपी विधायक बलबीर वर्मा (Balbir Verma) ने कुल सीमा का 92 फीसदी यानी 36 लाख 92 हजार 821 रूपए खर्च किए। सुलह से बीजेपी के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक विपिन परमार (vipin Parmar) ने कुल खर्च का 91 फीसदी यानी 36 लाख 36 हजार 912 रूपए खर्चे। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने 40 लाख कुल तय सीमा का 88 फीसदी खर्च किया। उन्होंने चुनाव खर्च 35 लाख 34 हजार 33 रुपए घोषित किया था।
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