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‘सुख’ सरकार की कैबिनेट आज, खुल सकता है सौगातों का पिटारा
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक होगी। हिमाचल की कांग्रेस सरकार 2024 के आम चुनावों को देखते हुए बजट घोषणाओं पर अमल की दिशा में तेज कदम उठा सकती है। आज की बैठक का सबसे अहम एजेंडा वॉटर सेस लगाने का है। उत्तराखंड सरकार बिजली बनाने वाली सभी कंपनियों से वॉटर सेस वसूल रही है। ऐसे ही 172 प्रोजेक्ट्स हिमाचल प्रदेश में भी हैं। इनमें से 125 ने वॉटर सेस देने के लिए अपना पंजीयन भी करवा लिया है। सुक्खू सरकार का यह कदम राज्य की माली हालत में सुधार कर सकता है।
सुक्खू सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार का उद्देश्य स्कूलों की संख्या को बढ़ाना नहीं बल्कि मौजूदा स्कूलों में ही गुणवत्ता को बढ़ाना है। इसी सिलसिले में सरकार कैबिनेट में कुछ स्कूलों को डिनोटिफाई करने को भी मंजूरी दे सकती है।
स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मंजूरी मिल सकती है
सीएम ने खुद विधानसभा में इस बात की जानकारी दी थी कि साल 2021-22 में प्रदेश के 3 हजार 148 स्कूलों में केवल सिंगल अध्यापक थे, जो कुल स्कूलों का 30 फीसदी हिस्सा है। हाल ही में आए विभिन्न सर्वे बताते हैं कि कोरोना के दौरान विद्यार्थियों कि सीखने, पढ़ने और लिखने की क्षमता में गिरावट आई है।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के विभिन्न विभागों, खासकर दूरदराज और दुर्गम इलाकों में बनाए गए स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को भरने की मंजूरी मिल सकती है। इस बात का इशारा रोजगार के लिए बनाई गई सब कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन चौहान ने पिछले दिनों किया था। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में 70 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। प्रदेश में 3 लाख स्वीकृत पद हैं. शिक्षा विभाग में करीब 20 हजार खाली पदों को सबसे पहले भरा जाना है। कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, लाहौल, भरमौर और सिरमौर में शिक्षकों की भर्ती के लिए पॉलिसी बनेगी. शिक्षा विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाएगा।
1 हजार 097 पदों पर भर्ती पेंडिंग
राज्य लोक सेवा आयोग ने पांच साल में 2018 से लेकर जनवरी, 2023 तक सिर्फ 2 हजार 375 पदों पर भर्ती की है। इसके अलावा 1 हजार 097 पदों पर भर्ती पेंडिंग है। हमीरपुर चयन आयोग ने 5 साल में 15 हजार 706 पदों पर भर्ती की है। कैबिनेट बैठक से पहले मुख्य सचिव ने भी उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें प्रदेश सरकार से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा हुई है। कैबिनेट से पहले इस बैठक को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पहले लिए गए निर्णयों को सरकार ने समयबद्ध तरीके से सिरे चढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए विभागीय अधिकारियों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है।