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महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथलः अजित पवार बने डिप्टी सीएम, 9 विधायक मंत्री
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलट फेर हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार 18 विधायकों के साथ रविवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया साथ में 9 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इससे पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायकों की रविवार को आपात बैठक बुलाई थी। अजित पवार चाहते हैं कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद उन्हें मिले। पहले यह बैठक 6 जुलाई को होनी थी। लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के पुणे में होने के बीच अजित पवार ने यह बैठक बुलाकर बगावत के साफ संकेत दिए हैं।
पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने की जिद
एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) और सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) देवगिरी बंगले पर पहुंच चुके हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि वह विपक्ष के नेता का पद नहीं बल्कि संगठनात्मक जिम्मेदारी चाहते हैं। एनसीपी विधायक, जिला अध्यक्ष देवगिरी में प्रवेश कर चुके हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता दिलीप वलसे पाटिल और हसन मुश्रीफ भी अजित पवार के देवगिरी बंगले पर पहुंचे हैं। सांसद अमोल कोल्हे भी वहां पहुंचे हैं।
इनके बीच मचा है घमासान
वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपना पांच साल दो महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है। पार्टी के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति तीन साल से ज्यादा किसी पद पर नहीं रह सकता है। इसीलिए एनसीपी में प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा शुरू हो गई है। सवाल सिर्फ ये है कि अगर अजित पवार को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलता है तो विपक्ष के नेता और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के पद का क्या होगा? ओबीसी नेता छगन भुजबल ने मांग की है कि अगर विपक्ष के नेता का पद मराठा समुदाय के पास है तो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी ओबीसी नेता को दी जानी चाहिए। फिलहाल पार्टी के अंदरुनी चुनाव चल रहे हैं और संभावना है कि उसके बाद ही क्षेत्रीय अध्यक्ष का फैसला होगा। अगस्त महीने में एनसीपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने की संभावना है।