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रोहड़ू सिविल अस्पताल की बदहाली पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने रोहड़ू सिविल अस्पताल में स्टाफ नर्सों के खाली पड़े पदों (Vacant Posts) को भरने की समय-सीमा बताने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि रोहडू अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टाफ (Para Medical Staff) के पदों को कब तक भरा जाएगा?कोर्ट ने सिविल हॉस्पिटल रोहडू (Rohru Civil Hospital) में पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को हो रही असुविधाओं पर स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 18 अक्तूबर को निर्धारित की है।
कोर्ट ने लिया था संज्ञान
एक अखबार में छपी खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य निदेशक और बीएमओ रोहड़ू को प्रतिवादी बनाया है। रोहड़ू के अस्पताल में हर दिन 400 से 500 मरीजों की ओपीडी होती है। अस्पताल में अभी नर्सों के 31 पदों में से लगभग आधे पद खाली चल रहे है। इसी तरह फार्मासिस्ट के 9 पदों में से अधिकतर पद खाली पड़े हैं। यदि कोई पैरा मेडिकल स्टाफ कार्य दिवस के दौरान छुट्टी पर जाता है तो चिकित्सकों को खुद ही मरहम-पट्टी करनी पड़ती है। अस्पताल में इन पदों को भरने के लिए कई बार गुहार लगाई गई है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने इन पदों को भरने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं।