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मणिकर्ण में सैलानियों के बवाल पर हिमाचल हाईकोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण (Manikarna) में पर्यटकों के हंगामे पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) पेश करने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को 18 दिसम्बर तक रिपोर्ट दायर करने का समय दिया है। मामले की सुनवाई 18 दिसम्बर को होगी। इससे पहले सरकार की रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रदेश की संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। हातीथान-भुंतर और सुमा रोपा में 24×7 नाकाबंदी के आदेश पहले से ही दे दिए गए है।
जांच के लिए बनी स्पेशल टीम
कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए विशेष टीम (Special Team) का गठन किया गया है। मणिकर्ण आने वाले सभी वाहनों की तलाशी लेनी शुरू कर दी है। शांति बनाए रखने के लिए आधी बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी कुल्लू को निगरानी के लिए तैनात किया गया है। सरकार ने मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों से निपटने के लिए कोर्ट के समक्ष सुझाव भी पेश किए थे। स्थानीय लोगों द्वारा मणिकर्ण में कम से कम 40 पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस थाना खोलने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने उपरोक्त घटना को लेकर मीडिया में छपी खबरों पर स्वत संज्ञान लिया है।
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यह थी 6 मार्च की घटना
छह मार्च 2023 को पंजाब से आए पर्यटकों (Tourists From Punjab) ने मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया। ग्रीन टैक्स नहीं देने पर सैलानी मजदूरों से उलझ गए और देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सड़क पर जमा हो गए। हुड़दंगबाजों ने नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण बना दिया। पंजाब से आए पर्यटकों ने मणिकर्ण में भी उत्पात मचाया। छह मार्च को मणिकर्ण में दंगे (Violence) जैसी स्थिति देखी गई। बीयर की बोतलें नैना माता मंदिर की ओर सड़क पर फेंकी गई। उपद्रवियों ने मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोड़फोड़ की।