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लंबित वित्तीय लाभ के लिए पेंशनरों का सरकार के खिलाफ शंखनाद
Pensioners Protest:सुख सरकार के पास लंबे समय से लंबित चल रहे वित्तीय लाभ( Pending financial benefits) हासिल करने के लिए पेंशनर्स (Pensioners) सोमवार को की सड़कों पर उतर आए। प्रदेश के लाखों पेंशनरों के वित्तीय लाभ सरकार द्वारा जारी नहीं किए जाने पर पेंशनरों का गुस्सा फूट पड़ा है । संघर्ष का शंखनाद करते हुए पेंशनर्स ने प्रदेश सरकार (State government)से अपने अधिकार जल्द देने की मांग की। धर्मशाला , हमीरपुर में पेंशनर्स ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुंद करते हुए अपने हक के लिए नारेबाजी की।
प्रो सिम्मी अग्निहोत्री को अर्पित किए श्रद्धा सुमन
ऊना के म्युनिसिपल कमेटी पार्क( UnaMC Park) में पेंशनरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। । सोमवार सुबह हुए इस प्रदर्शन से ठीक पहले सभी पेंशनरों ने 2 मिनट का मौन रखते हुए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री(Deputy CM Mukesh Agnihotri) की पत्नी प्रो सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद पेंशनरों ने सरकार पर एक के बाद एक कई आरोप लगाते हुए अपनी लंबित वित्तीय लाभ और समस्याओं का पिटारा खोल डाला। वहीं पेंशनरों ने डीसी ऊना(DC Una) के माध्यम से सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन भी भेजा।
वित्तीय लाभ पेंशनरों को नहीं मिले
पेंशनर्स संघ (Pensioners Association)के जिला अध्यक्ष हरमेश सिंह राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2016 से वर्ष 2022 तक सेवानिवृत हुए कई कर्मचारियों के लाखों रुपए में वित्तीय लाभ सरकार के पास पेंडिंग पड़े हैं। कई बार आवाज उठाने के बाद जो सरकार इस मांग को अनसुना कर रही है। उसी का नतीजा है कि आज केवल मात्र ऊना जिला नहीं बल्कि प्रदेश इकाई के आह्वान पर हर जिला मुख्यालय पर पेंशनरों को सड़क पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से पहले सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को संशोधित पेंशन अभी तक नहीं मिल पाई है और उसके लिए भी लगातार वह वर्ग सरकार के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा है।
आराम करने के लिए संसाधन नहीं
हरमेश सिंह राणा ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर जो वित्तीय लाभ पेंशनरों को मिलनी चाहिए थे उनमें से भी अभी तक केवल 20 फ़ीसदी पेंशनरों को मिल सका है जबकि उसमें से भी 80 फीसदी सरकार के पास पड़ा है। उन्होंने कहा कि पेंशनरों की सबसे बड़ी समस्या मेडिकल बिल भी है जो तुरंत स्वीकृत होकर पेंशनरों को राशि जारी होनी चाहिए उसमें भी सरकार ने ढुलमुल रवैया अपना कर पेंशनरों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है। सेवानिवृत्ति के बाद बुजुर्ग अवस्था में पहुंचने वाले लोगों को रिटायरमेंट केवल मात्र इसीलिए दी जाती है ताकि वह आराम कर सके लेकिन जब उनके पास आराम करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होंगे तो उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना ही पड़ेगा।
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सुनैना जसवाल/ ऊना