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हिमाचल के शक्तिपीठों में श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों का आगाज, देश भर से पहुंच रहे श्रद्धालु
Shravan Ashtami Mela : हिमाचल के शक्तिपीठों में श्रावण अष्टमी मेलों (Shravan Ashtami) का आगाज हो गया है। श्रद्धालु देश भर से मां के दर्शनों के लिए हिमाचल पहुंच रहे हैं। वहीं, मेलों के मध्यनजर मां के दरबार फूलों से सजाए गए हैं। प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में चिंतपूर्णी (Chintpurni), ज्वालाजी (Jwalaji), नयनादेवी (Naina Devi), बज्रेश्वरी देवी मंदिर (Bajreshwari Devi Temple) और चामुंडा देवी मंदिर में सुबह की पूजा के बाद श्रावण अष्टमी मेलों का आगाज हुआ। वहीं, मेलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा (Security) को ध्यान में रखते हुए पुलिस का पहरा भी कड़ा है। सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। श्रावण अष्टमी मेलों का समापन 14 अगस्त हो होगा।
प्रदेश की सीमा पर ही रोके जाएंगे ऐसे वाहन
प्रदेश में इन मेलों के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते ही बाहरी राज्यों से मालवाहक वाहनों (Goods Carriage Vehicles) में आने वाले श्रद्धालुओं (Devotees) को प्रदेश की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा। मेले के दौरान ढोल नगाड़े, चिमटा, लाउडस्पीकर आदि बजाने और प्लास्टिक व थर्मोकोल के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शक्तिपीठों की सुरक्षा में आईआरबीएन (IRBN) सहित जिला पुलिस और होमगार्ड जवानों (Home Guard) समेत करीब 1300 जवान तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा शक्तिपीठों में कमांडो और क्यूआटी (Commando and QT) की टीम तैनात की गई है। एसपी ऊना राकेश सिंह (SP Una Rakesh Singh) ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में सावन अष्टमी नवरात्र मेले के लिए 350 पुलिस जवान और होमगार्ड जवान तैनात किए गए हैं। मेला क्षेत्र को 10 सेक्टर में बांटा गया है।
पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने किए मां की पिंडी के दर्शन
उधर, उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता श्री चिंतपूर्णी (Mata Shri Chintpurni) के दरबार में श्रावण अष्टमी नवरात्र मेला सोमवार सुबह विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। मंदिर के पुजारी वर्ग ने हवन यज्ञ में आहुतियां डालकर माता के इस पवित्र मेले का शुभारंभ किया। माता श्री चिंतपूर्णी (Mata Shri Chintpurni) के दरबार में साल भर में होने वाले सबसे बड़े आयोजन के लिए माता के मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। श्रावण अष्टमी के नवरात्र मेले के पहले ही दिन हजारों श्रद्धालुओं ने माता के पवित्र पिंडी के दर्शन किए।