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Mustard oil | Ration depots | Diwali
हिमाचल में त्योहारी सीजन में महंगाई के बोझ तले दबे आम लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है। 31 अक्टूबर को दिवाली को देखते हुए इन दिनों डिपुओं में सरसों तेल का संकट गहरा गया है। प्रदेश सरकार ने त्योहार के इस सीजन में राशन कार्ड धारकों को अपनी जरूरत के हिसाब से डिपुओं में सस्ते रेट पर सरसों तेल खरीदने की सुविधा दी है, लेकिन डिपुओं में जरूरत के मुताबिक तेल खरीदना तो दूर प्रदेश के कई जिलों के डिपुओं उपभोक्ताओं को सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। ।डिपुओं में सरसों तेल का भाव 123 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, राशन कार्ड धारकों को बाजार में यही सरसों का तेल 180 से 200 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है। हिमाचल में डिपुओं के माध्यम से सरकार ने च्वाइस की तीन दालें देने के ऑप्शन को पहले ही खत्म कर दिया है. त्योहारी सीजन से पहले डिपुओं में उपभोक्ताओं को अपनी पसंद की तीन दालें खरीदने का विकल्प मौजूद था लेकिन अब इस महीने से यह खत्म कर दिया गया है। डिपुओं में अब उपभोक्ताओं को एक किलो दाल चना, एक किलो मलका और एक किलो उड़द की दाल बाजार से सस्ते रेट पर दी जानी है लेकिन च्वाइस की तीन दालें देने का ऑप्शन खत्म होने के बाद डिपुओं से चना दाल गायब है। प्रदेश सरकार अभी तक एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों तेल दे रही है. इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल दिया जा रहा है. वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही तेल 129 रुपये प्रति लीटर उपलब्ध हो रहा है। प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से हर महीने करीब 34 लाख लीटर तेल की खपत होती है.हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि तेल के लिए टेंडर खुलेगा जिसे सरकार को भेजा जाएगा. ऐसे में मंजूरी मिलते ही उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में तेल का कोटा उपलब्ध होगा.