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BJP | Himachal | Congress |
बीजेपी हिमाचल में बूथ लेवल से लेकर प्रदेश स्तर तक अपना अध्यक्ष चुनने के लिए पिछले तीन माह से एक सिस्टम के तहत आगे बढ रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी हिमाचल में अपना नया ढांचा खडा करने जा रही है। फर्क दोनों में इतना है कि बीजेपी बूथ लेवल से बाकायदा सदस्यता अभियान व उसके बाद एक प्रक्रिया के तहत हर लेवल पर अध्यक्ष का चयन करती है। लेकिन कांग्रेस का सिस्टम कुछ दूसरा ही है,पार्टी हाईकमान ने दिल्ली से पहले ब्लॉक स्तर की कार्यकारिणी भंग कर डाली सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को छोडकर। अब नए सिरे से ढांचा खडा करने के लिए बाहरी प्रदेशों के जिला स्तर तक पर्यवेक्षक लगा दिए,वो जो रिपोर्ट देंगे उसके आधार पर नए लोगों का चयन कर उन्हें जिम्मेदारियां दी जाएंगी। फर्क समझना होगा बीजेपी ग्राउंड लेवल पर तीन से चार माह का प्रोसेस पूरा करने के बाद बूथ लेवल का अध्यक्ष बना रही है तो कांग्रेस बाहरी प्रदेशों के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर अपना ढांचा खडा करने जा रही है। पहले बात करते हैं कांग्रेस की, दिल्ली से प्रदेश कार्यकारिणी के साथ-साथ ब्लॉक स्तर की इकाइयों को भंग करने का फरमान जब आया उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष को नहीं हटाया गया। यही से खींचतान जो पहले से चली आ रही थी बढ़ती गई।