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Sukhu Govt | Big Breaking | Mission Kangra |
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HP-1
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Jan 07 20255 days ago
दिवगंत वीरभद्र सिंह जब सत्ता में थे तो उन्होंने धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन वो बिना लिखा-पढत के जुबानी बात बनकर ही रह गई। आगे कुछ हुआ नहीं। हालांकि,वह अपने शासनकाल में कांगडा के प्रवास पर बराबर आते रहे,इस परंपरा को बाद में प्रेम कुमार धूमल ने भी सत्ता में आने पर निभाया। यही नहीं धर्मशाला में मंत्रियों के बैठने के लिए सचिवालय भी बनाया। लेकिन उसके बाद वह भी जयराम सरकार के शासनकाल में ठंडे बस्ते में जाता रहा।
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