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Pension | Disqualified MLA | Himachal |
शिमला। हिमाचल प्रदेश में एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने वाला विधेयक गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल ने सुक्खू सरकार को कुछ आपत्तियां लगाकर वापस भेज दिया है। हिमाचल सचिवालय में इस पर पांच दिनों से मंथन चल रहा है। जानकारी के मुताबिक अफसरों ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू से चर्चा कर राजभवन को विस्तृत जवाब भेजने की तैयारी की है। फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इनके खिलाफ एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत कार्रवाई की और अयोग्य घोषित किया। इनमें से सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल दोबारा चुनाव जीत कर आए। बाकी चार बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव हार गए। इनमें चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। इसलिए कांग्रेस सरकार ने अयोग्य घोषित इन दोनों विधायकों की पेंशन बंद करने के लिए विधायक को विधानसभा में पारित किया। राज्यपाल इसे मंजूरी दे देते हैं तो इनकी पेंशन बंद हो जाएगी, जबकि जबकि सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा,बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर की एक टर्म यानी14वीं विधानसभा के कार्यकाल की पेंशन रुक जाएगी।